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बिहार में चूड़ा दही पर सियासी भोज! पारस ने लालू-नीतीश को दिया न्योता, चिराग को छांट दिया

बिहार में चूड़ा दही पर सियासी भोज की पुरानी परंपरा है। लालू यादव और नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) की ओर से मकर संक्राति पर चूड़ा दही भोज का आयोजन किया जाता रहा है। जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा की ओर से भी मकर संक्रांति पर भोज किया गया। इस साल राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) की ओर से भोज का एलान कर दिया गया है। 15 दिसम्बर को होने वाले इस भोज में बिहार विधानसभा चुनाव केंद्र में रहेगा। भोज में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और बिहार सीएन नीतीश कुमार को तो न्योता दिया गया है पर पशुपति पारस के भतीजा, रामविलास पासवान के पुत्र, नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री और लोजपा आरवी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को छांट दिया गया है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि मकर संक्रांति पर चूड़ा दही भोज का आयोजन स्व रामविलास पासवान के द्वारा किया जाता था। उसी परम्परा को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस भोज में सभी राजनैतिक दलों को बुलाया जा रहा है जिनमें लालू यादव, नीतीश कुमार के अलावे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को भी निमंत्रण दिया जा रहा है। रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को इस भोज से छांट दिया गया। जिसपर श्रवण कुमार बताते हैं कि यह देशी लोगों का भोज है। विदेशियों को इसमें नहीं बुलाया जाएगा।IMG-20241030-WA0000-1024x682-2-1.jpg (1024×682)

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने इसी दिन सबो दही का तिलक लगाकर चुनाव की तैयारी का शंखनाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साल 2025 चुनावी वर्ष है। हमारे दल नेता रामविलास दल से ऊपर उठकर पटना कार्यालय में सभी लोगों को दही चूड़ा का भोज खिलाते थे। देश की राजनीति में वे बड़ी लकीर खींच कर चले गए। उनकी लकीर को आगे बढ़ाने में पशुपति कुमार पारस लगे हुए हैं। प्रिंस राज को न्योता देने का जिम्मा दिया गया है। सभी विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुलाया जा रहा है। खरमास समाप्त होने पर इसी दिन 2025 के समर में रण का ऐलान कर दिया जाएगा।

आरएलजेपी नेता ने चिराग पासवान का नाम नहीं लिया तो पत्रकारों ने सवाल पूछ दिया। इस पर प्रवक्ता ने जवाब में कहा कि हम लोग ठेठ बिहारी और देसला लोग हैं। इसलिए देशी लोगों को ही बुलाया जा रहा है। जिसका जन्म बिहार नहीं हुआ, जो बिहार की संस्कृति को नहीं समझते और चाचा तथा भाई का सम्मान नहीं करते उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। चाचा को कह दिया कि आपके खून में फर्क है। जो इस्ट इंडिया कंपनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष है जो विदेशी कंपनी है उसे नहीं बुला सकते। जो रामविलास पासवान को मानने वाले हैं वे हीं भोज में आएंगे।

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