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पटना में हेड ऑफिस, रांची तक विस्तार, 73 साल का हुआ बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी; जानें इतिहास…

मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी 73 वर्ष का हो गया। दो जनवरी 1952 को बीआरएबीयू की स्थापना हुई थी। बीआरएबीयू के वरिष्ठ प्राध्यापक व मानवीकी संकाय के डीन प्रो. सतीश राय बताते हैं कि पहले बीआरएबीयू का नाम अंग्रेजी में यूनिवर्सिटी ऑफ बिहार और हिन्दी में बिहार विवि था। बिहार विवि का मुख्यालय पटना हुआ करता था। इसका क्षेत्र बिहार से लेकर रांची तक था। बिहार के कई बड़े कॉलेज, जिनमें नालंदा कॉलेज, टीएनबी कॉलेज भागलपुर बिहार विवि के अंतर्गत ही आते थे।वर्ष 1960 में भागलपुर और रांची विवि के बन जाने से ये दोनों अलग हो गये। 1960 में ही बिहार विवि का मुख्यालय पटना से मुजफ्फरपुर हो गया। प्रो. राय ने बताया कि भागलपुर और रांची के अलग होने के बाद जेपी विवि छपरा भी अलग होकर बना। 1961 के अंत में मगध विवि की स्थापना हुई और बिहार विवि से कटकर मिथिला विवि बना। वर्ष 1993 में बिहार विवि का नया नाम बाबा साहब भीमराव आंबेडकर बिहार विवि हुआ।बीआरएबीयू के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने बताया कि विवि को अब नये कलेवर में ढाला जायेगा। इसके लिए सारी योजना बन गई है। विवि में कई हाइटेक लैब शुरू की जा रही है। रजिस्ट्रार प्रो. अपराजिता कृष्ण ने बताया कि विवि को राज्य में सभी विश्वविद्यालयों से आगे लाने के लिए काम किया जा रहा है।IMG-20241030-WA0000-1024x682-2-1.jpg (1024×682)बीआरएबीयू में अब 100 से अधिक डिग्री कॉलेज हैं। बिहार विवि में अब भी राज्य के सभी होम्योपैथ और आयुर्वेद कॉलेज आते हैं। बिहार विवि में हर साल स्नातक में डेढ़ लाख छात्रों का दाखिला होता है। कुल छात्रों की संख्या लगभग पांच लाख रहती है। बिहार विवि में बीएड के 63 कॉलेज हैं। विवि में डिग्री कोर्स के अलावा एमबीए और एमसीए की भी पढ़ाई हो रही है। कई हस्तियां पढ़ चुकी हैं बीआरए बिहार विवि से बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से कई हस्तियां पढ़ चुकी हैं। प्रो. सतीश राय ने बताया कि बिहार विश्वविद्यालय से पढ़े हुए अशोक कुमार सिन्हा राज्य के मुख्य सचिव बने थे। इनके अलावा साहित्यकार अनामिका, पूर्व कुलपति प्रो. श्याम नंदन किशोर, प्रो. रिपुसूदन श्रीवास्तव भी यहीं से पढ़े हैं। आईएएस आईसी कुमार भी बिहार विवि के ही छात्र रहे हैं।बिहार विवि का मुख्यालय जब मुजफ्फरपुर में बना तब इसके कार्यालय छाता चौक और दामू चौक में चलते थे। दोनों भवन किराये के थे। काफी बाद में बिहार विवि का प्रशासनिक भवन बना। शुरुआत में यहां कई पीजी विभाग नहीं थे। कॉमर्स और भूगोल विभाग आरडीएस कॉलेज में चलते थे। साइकोलॉजी विभाग एलएस कॉलेज में चलता था।

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