पश्चिमी विक्षोभ के कारण बिहार के कई जिलों में ठंड बढ़ गई है. इसके साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. पटना समेत कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 को भी पार कर गया है. राजधानी के कई हिस्सों में तो एक्यूआई लेवल 300 तक पहुंच गया है. जिस वजह से खुली हवा में सांस लेना मुश्किल होने लगा है। राजधानी पटना के राजा बाजार क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 319 तक पहुंच गया है. वहीं गांधी मैदान क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 तक पहुंच गया है, जबकि पटना के इको पार्क क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 275 तक पहुंच गया है।
पटना की हवा में धूलकण की मात्रा लगातार बढ़ रही है. यही कारण है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर बढ़ता चला जा रहा है. राजधानी में आज पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 10 कण की मात्रा मानक से तीन गुना अधिक बढ़ी हुई है. वहीं पीएम 2.5 कण की मात्रा मानक से दो गुना ज्यादा बढ़ी हुई है.
राजधानी पटना के अलावे इलाहाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, सुपौल और दरभंगा सहित कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा है. उसका मुख्य कारण हवा में धूलकण की मात्रा का मानक से ज्यादा होना देखा जा रहा है. राजधानी पटना में नगर निगम लगातार हवा में धूलकण की मात्रा कम हो, इसका प्रयास करता नजर आ रहा है. सड़क पर सुबह-शाम वाटर फॉगिंग भी करवाई जा रही है, बावजूद इसके हवा में धूलकण की मात्रा में कहीं से भी कोई कमी नहीं दिख रही है.
पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स का जो स्तर है, वह देश के कई शहरों से ज्यादा है. दिल्ली और कोलकाता में भी वायु प्रदूषण का जो स्तर है, वह पटना से कम ही है. इसका मतलब ये हुआ कि राजधानी पटना अब दिल्ली और कोलकाता से भी ज्यादा प्रदूषित शहर हो गया है. राजधानी पटना के लोग लगातार जहरीली हवा सांस के रूप में लेने को मजबूर हैं.
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