पटना : बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। इसको लेकर जेडीयू और बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर पलटवार किया है. जेडीयू के विधायक डॉक्टर संजीव ने कहा कि 65% आरक्षण की बात को सभी लोगों ने मिलकर स्वीकार किया था. महागठबंधन सरकार के द्वारा इसे किया था. उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव थे. भाजपा सहित सभी दलों ने मिलकर इसको पारित किया था. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. जिसके कारण यह रुका हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले को देख रहे हैं।
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद पर हमला करते हुए कहा कि आज संविधान दिवस है और आज तेजस्वी आरक्षण की बात करते है. उन्होंने कहा कि पहले लालू यादव अपने परिवार को आरक्षण देकर आगे बढ़ा रहे है, उस पर ध्यान दें, अभी भी लालू यादव के परिवार में लगातार आरक्षण दिया जा रहा है और आरक्षण देकर ही घर के सदस्यों को चुनाव लड़ाया जा रहा है और सदन में भेजा जा रहा है. नीरज कुमार ने कहा कि बिहार विधान परिषद हो या विधानसभा सभी में विपक्ष के नेता लालू परिवार से है और किसी को पार्टी में तरजीह नहीं देते है और आरक्षण की बात करते हैं।
वहीं बीजेपी के विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा तेजस्वी यादव कम पढ़े लिखे लोग हैं. वह समझते कम है और वह पढ़ना भी नहीं चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट पर देश की आवाम से लेकर केंद्र की सरकार सभी की आस्था है. सुप्रीम कोर्ट ने जिस कानून को निरस्त किया हो, उसको तेजस्वी यादव को ठीक से पढ़ना चाहिए था फिर सदन में उठाना चाहिए था. तेजस्वी यादव सस्ती ऊंची राजनीति के लिए इस प्रकार का चीजों को वह लाते हैं. नेता प्रतिपक्ष होने के नाते ना तो उनके क्षेत्र का प्रश्न आता है और नहीं बिहार के भलाई के लिए कोई प्रश्न आता है. तेजस्वी यादव जनता के ध्यान भटकने के लिए ऐसे ऐसे सवाल उठाते हैं।
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