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बांग्लादेश का अब क्या है हाल ? शरण मांग रहीं शेख हसीना पर अमेरिका ने गिराया ‘पहाड़’, तो बहन रेहाना ने बनाया ये प्लान

हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें ब्रिटेन में कथित तौर पर शरण मांगने से पहले फिलहाल देश छोड़कर भारत जाना पड़ा.

ढाका. बांग्लादेश में विपक्षी पार्टी के करीबी अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया गया है. यह खबर ऐसे समय में आई है, जबकि अमेरिका समेत अनेक पश्चिमी देशों ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने की मांग की है. बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देकर भारत भाग गईं हसीना फिलहाल गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर हैं. वह यूरोपीय देशों में शरण के विकल्प तलाश रही है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ब्रिटेन उसे शरण देने के लिए तैयार नहीं है. सूत्रों का कहना है कि उनकी बहन रेहाना, जिनके पास यूके की नागरिकता है, जल्द ही यूके के लिए रवाना हो सकती हैं.

ब्रिटेन सरकार ने हसीना द्वारा ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने की खबरों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. गृह कार्यालय के सूत्रों ने केवल यह संकेत दिया है कि देश के इमीग्रेशन नियम विशेष रूप से शरण लेने के लिए व्यक्तियों को ब्रिटेन आने की अनुमति नहीं देते हैं. लैमी ने बयान में कहा, “बांग्लादेश में पिछले दो हफ्तों में अभूतपूर्व हिंसा और जनहानि हुई है. थल सेनाध्यक्ष ने सत्ता हस्तांतरण के लिए एक अवधि की घोषणा की है.”

विदेश मंत्री ने कहा, “सभी पक्षों को अब हिंसा को समाप्त करने, शांति बहाल करने, तनाव घटाने और जनहानि को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं.” उन्होंने कहा, “ब्रिटेन, बांग्लादेश का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य देखना चाहता है. ब्रिटेन और बांग्लादेश के लोगों के बीच प्रगाढ़ संबंध हैं और दोनों ही राष्ट्रमंडल के सदस्य देश हैं.”

ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के अनुसार, देश के पास जरूरतमंद लोगों को संरक्षण प्रदान करने काशानदार रिकॉर्डहै, लेकिन आव्रजन नियमों के तहत किसी कोशरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमतिदेने का कोई प्रावधान नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता है, उन्हें सबसे तेजी से पहुंचे जा सकने वाले पहले सुरक्षित देश में शरण मांगनी चाहिए.

माना जाता है कि लंदन शेख हसीना का पसंदीदा अंतिम गंतव्य है. रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति ब्रिटेन के लिए पेचीदा है, जिसने पूर्व में हसीना के दिवंगत पिता शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद जनवरी 1972 में पाकिस्तानी जेल से रिहा होने पर शरण देने की पेशकश की थी.

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