पटना: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बन गई है। चुनाव आचार संहिता खत्म हो जाने के बाद बिहार सरकार ने भी प्रॉपर तरीके से काम करना शुरू कर दिया है।
तीन माह के बाद नीतीश कैबिनेट की एक बार फिर शुक्रवार को बैठक होने वाली है। बैठक शाम साढ़े चार बजे से बुलाई गई है। इसमें रिक्त पदों को लेकर अहम फैसला हो सकता है। कई विभागों की विकास योजनाओं पर भी निर्णय होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग होगी जिसमें सभी विभागों के मंत्रियों और उनक विभागों के पदाधिकारियों के मौजूद होने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव में आचार संहिता लागू होने के कारण कैबिनेट की बैठक नहीं हो रही थी। अब चुनाव समाप्त होने के बाद राज्य सरकार में विभागों में कामकाज शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में नीतीश मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गयी है। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से बैठक की सूचना सभी मंत्रियों और संबंधित पदाधिकारियों को भेज दी गयी है। तीन माह के बाद होने वाली इस कैबिनेट बैठक को लेकर जहां सरकार काफी सीरियस है तो विपक्षी दलों से लेकर आम जनता की नजर है।
इसके पहले नीतीश मंत्रिमंडल की बैठक 15 मार्च को संपन्न हुई थी। चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के पूर्व यह कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में कुल मिलाकर 108 प्रस्तावों पर मुहर लागाई गई थी। अब तीन महीने बाद शुक्रवार को होने फिर से मंत्रिमंडल की मीटिंग वाली बैठक होने वाली है। इसमें बड़ी संख्या में बहाली करने के निर्णय लिये जाने की संभावना है क्योंकि नौकरी और रोजगार पर सरकार का फोकस है।चुनावों में बिहार में नौकरी और रोजगार का मुद्दा छाया रहा। विपक्षी राजद ने सरकार पर कई आरोप लगाए थे जिसका जवाब नीतीश सरकार अधिक से अधिक लोगों को काम देकर देना चाहती है। बैठक में डीजल अुनदान, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यक्रमों के लिए राशि जारी करने सहित अन्य निर्णय लिए जाने की संभावना है। इनके अलावे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा।
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