PATNA : बिहार में सब्जी के खुदरा विक्रेताओं को संग’ठित करने के साथ सरकार सब्जी उत्पा’दकों को भी हर सुवि’धा देने की तैयार कर रही है। इसके लिए राज्य के सब्जी उत्पादकों का डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। सर्वे एजेन्सी चयन के लिए सहकारिता विभाग ने टेंडर कर दिया है।
एजेन्सी चयन के बाद स’र्वे का काम तेजी से शुरू होगा। स’र्वे करने वाली एजेन्सी को हर किसान की पूरी कुं’डली का पता करना होगा। किसान कितने रकबे में खेती करता है, कितने प्रकार की सब्जी की खेती करता है, कितना उत्पा’दन होता है, रोज की खपत क्या है, बीज कहां से लाता है। साथ ही लागत पूंजी की व्यवस्था कैसे करता है। बे’चने के लिए सीधे मंडी में जाता है कि बिचौ’लिये के हाथों उत्पा’द देता है।
पूरी जानकारी स’र्वेकर्ता किसान से लेगा। इस सर्वे से किसानों की मूल सम’स्या का पता लगेगा और फिर उसके अनुसार उनकी सम’स्या दू’र करने का प्रयास होगा। केसीसी देने का काम तो शुरू हो गया। बाजार की व्यवस्था भी होगी। सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी ने सब्जी उत्पादकों को लाभ देने के लिए कम्फेड की तर्ज पर वेजफेड का गठन किया है। विभाग के संयुक्त सचिव आनंद शर्मा को इसकी जि’म्मेदारी दी गई है। सर्वे के बाद सभी किसानों को वेजफेड की समितियों से जोड़ दिया जाएगा।
वेजफेड के एमडी आनंद शर्मा ने किसानों को समितियों से जोड़ने के लिए ‘सहकारी से तरकारी’ वार्ता भी शुरू की है। इस अभि’यान में अधिकारी रोज किसानों से बात कर उन्हें समिति से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। अभी यह योजना दस जिलों में ही चल रही है। वहां के भी लगभग 20 हजार किसान ही इससे जुड़े हैं। इन किसानों के लगभग 60 टन सब्जी रोज वेजफेड से जुड़ीं समितियां खरीदती हैं और ग्राहकों को बेचती हैं। सर्वे हो जाने पर राज्यभर के सब्जी उत्पा’दक इससे जुड़ जाएंगे और उनको सरकार हर सुविधा मुहैया कराएगी।
वेजफेड की वर्तमान स्थिति
60 टन सब्जी की रोज हो रही खरीद
10 जिलों में अभी बनी हैं समितियां
95 समितियां बनी हैं पटना में
62 समितियां हैं तिरहुत में
20 हजार किसान जुड़े हैं
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