Press "Enter" to skip to content

बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ “व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन” का हुआ लोकार्पण

मुजफ्फरपुर: बाल विवाह के खिलाफ बड़े अभियान में दूसरी बार भारत के कोने- कोने में विभिन्न भाषाओं और विविध बोलियों में गांव-देहात के लोग शपथ एवं मोमबत्ती/मशाल जुलूस के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ साझा रूप से आवाज उठाएंगे। विभिन्न गतिविधियों के जरिए संदेश की इसी कड़ी में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत देश के विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के हिस्से के रूप में गैरसरकारी संगठन निर्देश जिले के 150 से अधिक गांवों में यह महाअभियान का आगाज करेगी। यह अभिनव पहल ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का हिस्सा है जिसके बाद पूरे देश में बाल विवाह के खिलाफ एक मूक लेकिन ताकतवर क्रांति की चिंगारी दावानल की तरह फैल रही है। ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ देश भर के तमाम गैर सरकारी संगठनों की एक साझा पहल है। महिलाओं की अगुआई में इस अनूठे जमीनी अभियान का लक्ष्य 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है।

 

आज अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सांसद वीणा देवी (वैशाली) द्वारा कहा गया की बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के इस अभिनव पहल में महिलाओं और किशोरियों की बढ़-चढ़ कर भागीदारी यह दिखाती है कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि कानूनी तौर पर अपराध होने के बावजूद बाल विवाह का चलन भले से हो लेकिन वे अब इस सामाजिक बुराई का हिस्सा नहीं बनेंगी। दूरदराज के गांवों में आधी आबादी की आवाज घूंघट और रिवाजों की ओट में दबा दी गई हो लेकिन अब वे मोमबत्ती जुलूस, गीतों, एवं शपथ में भागीदारी के जरिए यह बता रही हैं कि वे अपने बच्चों का जीवन बाल विवाह से बर्बाद नहीं होने देंगी।

इस अवसर पर महोदया के करकमलों से एक किताब का लोकार्पण भी किया गया जिसका नाम है “व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन” जिसके लेखक भुवन रिभु ( सामाजिक कार्यकर्ता) है। इस कार्यक्रम में विधान परिषद् दिनेश सिंह, निर्देश स्वयंसेवी संस्था के सचिव डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिंह, निदेशक कार्यक्रम बिनोद कुमार, महिला प्रकोष्ठ रम्भा सिंह इत्यादि उपस्थित थे।

इस अवसर पर लगभग 10 महिलाओं ने अपनी व्यथा से सबको झंकझोर दिया जिनका बाल विवाह हुआ था।
गैर सरकारी संगठन निर्देश के कार्यक्रम समन्वयक शिवानी वर्मा ने कहा कि हमने पिछले वर्ष 16 अक्टूबर 2022 को भी इस महा अभियान में बढ़ चढकर हिस्सा लिया था जिसमे की भारत भर के 7600 गांव में 76000 से अधिक साहसी महिलाएं सड़कों पर आईं और इसके कारण “बाल विवाह मुक्त भारत” देश में बाल विवाह के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन बन गया | इस अभियान ने 288 जिलों में 160 एनजीओ के एक मजबूत गठबंधन का निर्माण किया जो बाल विवाह को रोकने के लिए गांव में काम कर रहे हैं| एक करोड़ से अधिक लोगों ने बाल विवाह समाप्त करने के शपथ ली | पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे इस महा अभियान का उद्देश्य है भारत भर के 300 सबसे अधिक प्रभावित जिलों के 50000 गांव को बाल विवाह मुक्त बनाकर वर्ष 2025 तक बाल विवाह को 23.3%(NFHS-5) से घटकर 10% तक लाना है और इस प्रकार वर्ष 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *