पटना: बिहार में जाति गणना रिपोर्ट में यादवों की आबादी बढ़ने पर उठ रहे सवालों के बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी जाति (कुर्मी) की संख्या नहीं बढ़ा लेते? तेजस्वी ने कहा कि बिहार में हुई जातीय गणना से विकास के लिए बेहतर रूपरेखा बनेगी। इसलिए पूरे देश में जातिगत जनगणना की जरूरत है। उन्होंने कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की देश में जातीय जनगणना कराने की मांग को भी स्वागत योग्य बताया।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि पूरे देश में जातीय गणना की मांग हो रही है। केंद्र सरकार देश में जनगणना भी नहीं करा रही है। बिना आबादी का पता लगे लोगों के लिए योजनाएं कैसे बन सकेगी। इसलिए देश में जातीय गणना कराने की जरूरत है। इसकी मांग कई राज्यों से हो रही है।
तेजस्वी ने कहा कि जिन्हें आपत्ति है वो पीएम नरेंद्र मोदी से कहकर फिर से करा लें। जाति गणना रिपोर्ट में यादवों की संख्या बढ़ाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि ऐसा होता तो सीएम नीतीश अपनी कुर्मियों की संख्या नहीं बढ़ा लेते। डिप्टी सीएम ने शनिवार को पटना में पर्यटन विभाग के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
बता दें कि बिहार में 2 अक्टूबर को जारी हुई जाति गणना की रिपोर्ट के अनुसार यादव जाति के लोगों की संख्या 1.86 करोड़ है, जो कि राज्य की कुल आबादी का 14.26 फीसदी है। जाति के मामले में देखें तो बिहार में यादव सबसे ज्यादा हैं। वहीं, सीएम नीतीश कुमार की जाति कुर्मी के राज्य में 37.62 लाख लोग हैं। यह कुल आबादी का 2.87 फीसदी है।
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