पटना: बिहार में जातीय गणना रिपोर्ट के जारी होते ही सियासत गर्मा गई है। बीजेपी लगातार जातीय गणना पर सवाल उठा रही है। आज पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने एक बार फिर से नीतीश सरकार को घेरा और जातीय गणना रिपोर्ट को आधा-अधूरा और जाति आंकड़ों से खिलवाड़ करार दिया। साथ ही पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि जातीय गणना का बिहार बीजेपी समर्थन करती आई है। लेकिन जो रिपोर्ट जारी हुई है, वो आधी-अधूरी है। जाति के आंकड़ों से खिलवाड़ किया गया है। जातियों की आर्थिक स्थिति की जानकारी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट में कौन किस जाति का है, ये भी स्पष्ट नहीं है। और हजारों लोग तो इस सर्वे में शामिल ही नहीं हुए। रिपोर्ट में धानुक जाति की संख्या कम दिखाई गई है। थर्ड जेंडर की उपेक्षा हुई है।
उन्होने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सीएम नीतीश कुमार को जातीय गणना रिपोर्ट के मैकेनिज्म को समझाना होगा, साथ ही बीते 32 सालों में आर्थिक रूप से जो विकास हुआ है। उसको समझाना होगा। लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होने तो कुछ किया ही नहीं। जातीय गणना फैसला को एनडीए की सरकार की दौरान हुआ था। उसमें लालू कहां से आ गए।
बीजेपी ने पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है, और ये भी कहा कि बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम का पद अतिपिछड़ों को मिले। एक तरफ जाति गणना सर्वे पर भाजपा ने सवाल उठाए तो तो वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा कि सर्वे ये साफ है कि बिहार का 80 फीसदी वोट बीजेपी का है, और 20 फीसदी हमारे खिलाफ है। चौधरी ने नीतीश सरकार पर राजद सुप्रीमो लालू यादव के दवाब में काम करने का आरोप मढ़ा है।
इससे पहले बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने भी जातीय गणना रिपोर्ट की जांच की मांग की थी। उन्होने कहा कि रिपोर्ट में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी कम दिखाई गई। और एक धर्म और एक जाति विशेष की संख्या बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई गई।
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