जमुई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दो जिलों का दौरा किया। सीएम पहले बांका पहुंचे। वहां कई सरकारी योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद नीतीश कुमार जमुई पहुंचे। जिले के सोनो में उन्होंने बरनार नदी पर पिछले दिनों क्षतिग्रस्त हुए पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान नीतीश कुमार के करीबी और उनकी सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी कहीं नहीं दिखे। जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ जमुई जाने को लेकर हुए विवाद के बाद सियासी गलियारे में यह हलचल थी कि अशोक चौधरी नीतीश कुमार के साथ जमुई जाते हैं या नहीं।
आखिरकार अशोक चौधरी सीएम नीतीश कुमार के साथ जमुई नहीं गए। बुधवार को मुख्यमंत्री पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जमुई पहुंचे। उन्होंने जमुई में जिले में बरनार नदी पर क्षतिग्रस्त हुए पुल का भी मुआयना किया। बीते दिनों पुल के सात आठ पिलर पानी के दबाव में डैमेज हो गए जिससे पुल धंस गया। सीएम ने इसे लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जेडीयू नेता और पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद ने सीएम नीतीश से मिलकर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण करने और नए पुल के निर्माण की मांग की थी। बुधवार को पूरी टीम के साथ नीतीश कुमार जमुई पहुंचे और सोनो अंचल स्थित बरनार नदी पर क्षतिग्रस्त सोनो-चुरहैत पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान जमुई जाने के लिए पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह के निशाने पर चढ़ चुके मंत्री अशोक चौधरी कहीं नहीं दिखे।
दरअसल सोमवार को पार्टी की मीटिंग के दौरान अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री अशोक चौधरी के बीच विवाद हो गया था। ललन सिंह ने अशोक चौधरी से पूछा था कि आप किसके आदेश से बार बार जमुई और बरबीघा जाते रहते हैं। इस पर अशोक चौधरी ने भी ललन सिंह पर पलटवार कर दिया था। मंत्री ने कहा था कि आप यह सवाल नहीं पूछ सकते। अशोक चौधरी ने यह भी कहा कि मैं सीएम को बताकर जमुी जाता हूं। ललन सिंह ने यह भी कहा कि विधायक ने आपके खिलाफ पार्टी में शिकायत किया है। वहां की राजनीति में दखल मत दीजिए। उसके बाद यह चर्चा हो रही थी कि आज नीतीश कुमार के साथ अशोक चौधरी जमुई जाते हैं या नहीं।
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