मुजफ्फरपुर: बिहार में एक तरफ किसान खाद के लिए परेशान रहते हैं। वक्त रहते उन्हें यूरिया नहीं मिल पाता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ सूबे से भारी मात्रा में यूरिया की त’स्करी नेपाल में किए जाने की आशंका जताई जा रही है। मुजफ्फरपुर के 37 समेत 11 सीमावर्ती जिलों के 242 खुदरा उर्वरक विक्रेता रडार पर आ गए हैं। इन्होंने औसत से कई गुना अधिक यूरिया बेची है।
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में असामान्य मात्रा बेचने वालों की रिपोर्ट तैयार की है। कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष ने रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सहरसा व दरभंगा प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) को जांच कराने को कहा है। मुजफ्फरपुर में 37, दरभंगा में 08, किशनगंज में13, मधुबनी में 14, पश्चिम चंपारण में 18, पूर्वी चंपारण- 30, पूर्णिया- 35, शिवहर में 4, सीतामढ़ी में 12, सुपौल- 23 व वैशाली में 48 विक्रेता चिह्नित किए गए हैं।
वही इस मामले पर तिरहुत प्रमंडल के संयुक्त निदेशक कृषि रामप्रकाश सहनी ने बताया कि यूरिया नेपाल भेजी गई होगी तो विक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस मामले की जांच टीम गठित कर दी गई है। आपको बता दें बीते साल बिहार के कई जिलों में यूरिया की किल्लत देखी गई थी। किसानों को महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ी थी। इस मामले पर सियासत भी हुई थी।
बीते साल यूरिया की किल्लत पर कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने केंद्र सरकार पर राजनीति का आरोप लगाया था। और कहा था कि यूरिया की मांग ज्यादा है। इसके अनुरूप केंद्र आवंटन नहीं कर रहा है। आवंटन मिलता है तो रैक भेजने में जानबूझकर देरी की जा रही है। वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि बिहार केंद्र सरकार का कहना था कि बिहार को भरपूर यूरिया दी गई है। लेकिन जिस तरह अब सामने आ रहा है कि बिहार से यूरिया की तस्करी नेपाल की जा रही है। ये मामला और उलझता जा रहा है।
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