पटना: राजधानी पटना में दो हजार के नोट को वापस लिए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। बिहार की विपक्ष दलों के तरफ से इसको लेकर भाजपा और पीएम मोदी के तरफ से जोरदार हमला किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे, नित्यानंद राय ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि – राजद वंशवाद और परिवारवाद के कई लोग इसमें बुरी तरह से फसे हैं। उन्हें दर्द होना स्वभाविक है। आम जनता का दर्द उन्हें नहीं दिखाई देता। आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद है।
अश्वनी कुमार चौबे ने कहा कि, 2000 के नोट चलन में नहीं रहने से उनलोगों को तकलीफ हो रही है जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं। अब उनको लग रहा है कि, जो काला धन हमने दे रहा है वो वापस कैसे आएगा। अब भ्रष्टाचारियों को काफी छटपटाहट है। इस वजह से वो लोग इसे गलत बता रहे हैं। 2018 से ही 2000 का नोट छापना बंद हो गया। जो इसका विरोध कर रहे हैं उनको यह मालूम होना चाहिए कि, ये Rbi की पॉलिसी होती है कब किस नोट को छापना कब इसको रखना है।
इसके साथ ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि, अगर आरबीआई ने दो हजार के नोट को बंद करने का निर्णय लिया है तो कुछ सोच समझ कर ही लिया होगा। यह काम भी कुछ अच्छे नीतियों के लिए ही किया गया होगा। देशवासियों के लिए, यहां के गरीबों के लिए और जनता के बीच पारदर्शिता के लिए यह जरूरी था। इसके आलावा राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि, किस करेंसी को कब बाजार में रखना है यह आरबीआई का निर्णय है। इस पर किसी भी राजनेता का टिप्पणी करना उचित नहीं है। यह आरबीआई का निर्णय है। यह किसी राजनेता और राजनीतिक दल के चाहने से नहीं होता।
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