पटना: जिले के नौबतपुर के तरेत पाली में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे हुए हैं. 13 मई से हनुमंत कथा आयोजित है. वहीं, सोमवार को उन्होंने दिव्य दरबार लगाया. इस दौरान उन्होंने टेंट से कई लोगों को बुलाया. किसी के नाम से तो किसी के वेशभूषा से उन्होंने मंच पर बुलाया और लोगों से परेशानी पूछा. इससे पहले पर्चा में वो समस्या लिख लेते थे. लोगों को पर्चा में लिखे समस्या को पढ़ाते और फिर उसकी समाधान बताया. इस दौरान सफेट टीशर्ट वाले बालक को उन्होंने बुलाया. पूछा कि कहां से आए हो तो उसने कहा कि मधेपुरा से आया हूं. लड़के ने कहा कि इंटर में फेल हो गया. माइंड एक जगह नहीं रहता है. इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब क्या चाहते हो हम पास करा दें? व्यापार में सफलता मिलेगी. गलत संगत में पड़ गए थे. मकान बनेगा. मन शांत भी होगा।
बिना माइक के युवक को कुछ सुझाव दिए
दिव्य दरबार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अंकित नाम के युवक को बुलाया. उन्होंने कहा कि टी शर्ट पहना हुआ है. मंच पर युवक के पहुंचने पर उन्होंने पूछा कि कहां से आए हो. युवक ने झारखंड से बताया. उन्होंने कहा कि कैरियर के सवाल लेकर आए हो. पर्चा में उन्होंने लिखा कि व्यापार के तरफ जाओ. क्रिकेट में कैरियर नहीं है. घर में परेशानी डेढ़ सालों से ज्यादा बनी हुई है. इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री बिना माइक के युवक को कुछ सुझाव भी दिए।
‘का हाल बा हो’
मीना नाम की महिला को बुलाया. सबसे पहले उन्होंने नाम पूछा. महिला से पूछा कि क्या परेशानी है तो महिला ने कहा कि बालक को मिर्गी होती है. इसके बाद बाबा ने कहा कि महिला को पैर में दर्द बना हुआ है. बालक को झटका बना हुआ है. इसके बाद उन्होंने मंत्र बताया और कहा कि बाला जी में पेशी से कल्याण होगा. वहीं, चश्मा लगाए एक युवक को बुलाया. उन्होंने पूछा कि कहां से हो? युवक ने कहा कि पटना सिटी से आए हैं. उसके बाद पूछा कि ‘का हाल बा हो’ धीरेंद्र शास्त्री ने पर्चा पढ़ा. कहा कि दो सवाल लेकर आए हो. व्यापार में तरक्की और सफलता के सवाल लेकर आए हो. इसके बाद उन्होंने कहा कि उपाय लिख दिया है. इससे अब ठीक होगा।
बेटे की सरकारी नौकरी को लेकर महिला ने पूछा सवाल
इसके बाद रीना नाम के महिला को बुलाया. पूछा कि कहां से आई हो तो उन्होंने कहा कि बक्सर से आई हूं. महिला बड़े लड़के की सरकारी नौकरी को लेकर सवाल की. महिला ने कहा कि छोटा वाले लड़के की किसी से बनती नहीं है. महिला पढ़ी-लिखी नहीं थी इसलिए दूसरे युवक को धीरेंद्र शास्त्री ने बुलाया. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पुत्र का कल्याण होगा. उसकी नौकरी लगेगी. 2026 तक योग है.
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