मुजफ्फरपुर: आज मंगलवार को बाल श्रम उन्मूलन विमुक्त एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक मुजफ्फरपुर परिसदन में बिहार बाल श्रमिक आयोग अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने श्रम अधीक्षक, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी , सिविल सर्जन पदाधिकारी एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारी को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे से एवं 14 से 18 वर्ष तक किशोरों से खतरनाक नियोजनो में कार्य कराना दंडनीय अपराध है, कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो कारवाई होगी ।
सरकारी कर्मचारी पदाधिकारी बाल श्रमिकों से सेवा लेते पकड़े गए तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के साथ साथ विभागीय कार्रवाई होगी। बाल श्रमिकों एवं खतरनाक नियोजन में लगे बालसमिको का सर्वेक्षण 3 माह के अंदर किया जाए । बाल श्रम सभ्य समाज के कलंक हैं, मुख्यत: गरीबी आर्थिक स्तर पर पिछड़ जाने एवं अशिक्षा का परिणाम है, शिक्षा मौलिक अधिकार है विमुक्त बाल श्रमिक के परिवारों को इंदिरा आवास, राशन कार्ड एवं भूमि आवंटन लाभ अभिलंब दिलवाया जाए। विमुक्त बच्चे को विद्यालय ले जाकर शिक्षा से जोड़ा जाए, विमुक्त बाल श्रमिक
के माता-पिता मनरेगा योजना एवं श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर लाभ दिलाया जाए, तब तक बाल श्रम पर रोक नहीं लगाया जा सकता है ।
बाल श्रम रोकने के धावा दल गठन कर लगातार अभियान चलाया जाए। बाल श्रम रोकने के लिए जिला प्रखंड पंचायत गांव में जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ता के साथ रैली प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक सेमिनार कार्यशाला कर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर उमेश चंद्र सिंह, अजय कुमार श्रम अधीक्षक, विनोद कुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिखा राय, नियोजन पदाधिकारी वरुण कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, गायघाट प्रभारी कटरा बागेश्वर कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बाटी ,प्रकाश कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कुढ़नी, संजीत कुमार चौधरी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, मोतीपुर गौतम कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, साहिबगंज प्रभार मडबन , अरविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सकरा प्रभार बचा एवं बंदरा शशांक शेखर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सरैया प्रभार पारू, डॉ रश्मि राज श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मुरौल प्रभार मुसहरी, प्रकाश कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मीनापुर, उपस्थित रहे।
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