पटना: जेडीयू में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। अब कुशवाहा ने सीएम नीतीश पर पलटवार किया है और कहा कि मुख्यमंत्री खुद अपनी सहूलियत के हिसाब से गठबंधन बदलते रहते हैं। अगर सीएम कहेंगे तो वे आज ही एमएलसी का पद भी छोड़ देंगे। इससे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं, वे सिर्फ एमएलसी हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को एक चैनल से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह पर जमकर ह’मला बोला। उन्होंने कहा कि ललन सिंह के कार्यालय से अब भी जब रिलीज या सर्कुलर जारी होता है, तो उसमें कुशवाहा का नाम पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष कहकर लिखा जाता है। अब ललन कह रहे हैं कि वे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं। ऐसे में कागज सही बोल रहा है या राष्ट्रीय अध्यक्ष, यह तो विवादित बात है।
कुशवाहा ने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि कागज में हम अध्यक्ष हैं लेकिन व्यवहार में नहीं हैं। अब खुद ललन सिंह ने इसे प्रमाणित कर दिया है कि मैं जो कह रहा था सही है। मैंने इसलिए जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के पद को झुनझुना कहा था।” उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि सीएम नीतीश यह बताएं कि आरजेडी से जेडीयू की क्या डील हुई है। जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में इसे लेकर आशंका है। नीतीश कुमार भले ही वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन आम लोगों में चर्चा का विषय बन गया है कि वे अपनी सहूलियत के हिसाब से कभी इस गठबंधन में तो कभी उसमें चले जाते हैं। उन्हें इसे देखना चाहिए। दूसरों पर बोलने के बजाय पहले खुद के अंदर झांकना चाहिए।
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा पिछले कुछ दिनों से सीएम नीतीश और जेडीयू नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उनके बीजेपी में जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। सोमवार को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के मुखिया नहीं हैं, बल्कि सिर्फ एमएलसी हैं। वहीं, सीएम नीतीश कुमार कह चुके हैं कि उन्हें कुशवाहा से कोई लेना-देना नहीं है, उनकी मर्जी हो वहां जा सकते हैं।
कुशवाहा का पटना में शक्ति प्रदर्शन
जेडीयू में जारी घमासान के बीच उपेंद्र कुशवाहा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का समर्थन जुटाने के लिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। 19 और 20 फरवरी को उन्होंने पटना में बैठक बुलाई है। उनमें नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने से नाराज नेताओं को शामिल होने के लिए आह्वान किया गया है। हालांकि, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने इस आयोजन में जाने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
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