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मुजफ्फरपुर शहर में 864 जगह स्थायी कूड़ा डंपिंग से हवा हो रही जहरीली

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर शहर में 864 जगहों पर स्थायी कूड़ा डंपिंग से हवा प्रदूषित हो रही है। इसमें दो तरह का कूड़ा-कचरा है। पहला रिहायशी इलाकों व बाजारों से रोज निकलने वाली गंदगी और दूसरा निर्माण कार्य का। इस कारण लगातार हवा में धूल- कण की मात्रा बढ़ रही है।

Muzaffarpur Nagar Nigam : सफाई सबको चाहिए, लेकिन अब तक कचरा डंपिंग की नहीं  हो सकी व्यवस्था - Cleanliness is needed by everyone but so far no  arrangement for garbage dumping has

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बीते अक्टूबर-नवंबर माह में वार्ड स्तर पर किए गए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। खुले में कूड़ा डंपिंग को प्रदूषण का बड़ा कारण माना गया है। गली-मोहल्लों से लेकर प्रमुख सड़कों तक स्थायी तौर पर कूड़ा डंप ‘किया जाता है। कई प्वाइंट हैं जहां लंबे समय तक कूड़ा का उठाव नहीं होता या उठाव होने के बाद भी कूड़ा डंपिंग का सिलसिला जारी रहता है। नतीजतन दिन-रात कूड़े का ढेर लगा रहता है।

पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास, इमलीचट्टी चौराहा, आमगोला पुल के नीचे, दामुचक में पीएनबी के पास, बीबीगंज में एनएच के दोनों किनारे, बैरिया गोलंबर समेत कई जगहों पर इस तरह की स्थिति है। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बावजूद सरकारी या गैर सरकारी निर्माण कार्यों के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

स्मार्ट सिटी की योजनाओं में सड़कों को काटने, मिट्टी की खुदाई, कंक्रीट से जुड़े निर्माण व अन्य काम बिना ढंके किए जा रहे हैं। मकान या अन्य निर्माण स्थलों के पास भी यही स्थिति है। हद यह कि एक गली से कूड़ा उठाकर दूसरे गली या सड़क पर डंप कर दिया जाता है।

निगम के स्तर से चौक-चौराहों से लेकर गली-मोहल्लों तक करीब डेढ़ सौ से अधिक कूड़ेदान रखे गए हैं। हालांकि, गली-मोहल्लों के स्तर पर ठेला या ट्रॉली से उठाए जाने वाले कूड़े को कूड़ेदान के बाहर सड़क पर ही डंप कर दिया जाता है।

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