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बिहार में 7 जनवरी से शुरू होगी जातीय जनगणना, नेत्रहीन शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई

पटना: बिहार में जातीय जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। बुधवार और गुरुवार को जाति आधारित गणना की तैयारियों की समीक्षा होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर प्रथम चरण की तैयारियों का जायजा लेंगे। बैठक के दौरान जिलों की अलग-अलग समीक्षा की जाएगी।

बिहार में 7 जनवरी से शुरू होगी जातीय जनगणना, नीतीश सरकार ने नेत्रहीन शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई

बिहार के सरकारी कर्मचारियों को जातीय गणना में लगाया गया है। चौंकाने वाली बात ये है कि सरकार ने कुछ ऐसे शिक्षकों की भी ड्यूटी जाति आधारित गणना में लगा दी है, जो नेत्रहीन हैं। ऐसे शिक्षकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है।

पटना के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बाढ़ में कार्यरत नेत्रहीन शिक्षक डॉ. विनय कुमार को जाति आधारित गणना में लगा दिया गया है। अब वे परेशान हैं कि वो यह काम कैसे करेंगे। अब अपना नाम कटवाने को डीईओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। एसएस गर्ल्स हायर स्कूल नालंदा में कार्यरत नेत्रहीन शिक्षक संतोष कुमार दास का भी यही हाल है। राज्य भर के 40 से 50 नेत्रहीन शिक्षकों को इस काम में लगा दिया गया है।

इसी बीच बिहार बोर्ड द्वारा इंटर प्रायोगिक परीक्षा 10 से 20 जनवरी तक चलेगी। इसमें राज्य भर के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को लगाया गया है। इस संबंध में डीईओ अमित कुमार ने बताया कि जिस दिन प्रायोगिक परीक्षा होगी, उस दिन संबंधित शिक्षक को जाति गणना से अलग रखा जाएगा।

पटना जिले में लगभग 80 लाख आबादी की जाति आधारित गणना होनी है। यह कार्य 14 हजार 817 कर्मचारी करेंगे। इसमें 2121 ऐसे कर्मचारी होंगे, जो गणन कार्य की निगरानी करेंगे। मंगलवार की शाम डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने गणना करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को बैठक की। डीएम ने कहा कि गणना के दौरान सभी घर और उसमें रहने वाले प्रमुख लोगों से संपर्क जरूरी है ताकि जाति आधारित गणना की सही तस्वीर सामने आ सके।

7 से 21 जनवरी के बीच पहले चरण की जातीय जनगणना होनी है। इसके लिए 12 हजार 696 प्रगणक और 2121 पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। पटना के 23 प्रखंडों, 11 नगर परिषद, पांच नगर पंचायत और छह नगर निगम क्षेत्र के अंचल में जाति आधारित गणना होनी है। इसके लिए कुल 45 चार्ज (क्षेत्र) बनाए गए हैं। गणना प्रपत्र एवं मोबाइल एप के माध्यम से प्रत्येक परिवार के सदस्य का आंकड़ा एकत्रित होगा, जो बिहार राज्य जाति आधारित गणना प्रबंधन एवं प्रबोधन पोर्टल पर बेल्ट्रॉन के सर्वर पर एकत्रित होगा।

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