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‘सर! मुझे उसी डॉक्टर की किडनी चाहिए, जिसने मेरी ऐसी हालत की…’ सुनीता की सरकार से न्याय की गुहार

मुजफ्फरपुर में पिछले दिनों एक सनसनीखेज मामला सामने आया जब एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए गई महिला की दोनों किडनी निकाल ली गई। आरो’प है कि डॉक्टरों ने धो’खे से इस घट’ना को अंजाम दिया। अब पी’ड़िता गंभीर अवस्था में डायलिसिस के जरिए ही जीवित हैं।

bihar me mahila ki nikali kidney ab pidita ne mangi usi doctor ki kidney -  बिहार में धोखे से निकाली थी महिला की किडनी अब पीड़िता ने लगाई सरकार से गुहार  मुझे

पी’ड़ित महिला का नाम सुनीता देवी है। उन्होंने बताया कि इस साल सितंबर में ये पूरा मामला हुआ। उन्होंने आ’रोप लगाया कि वहां डॉक्टरों ने उनकी दोनों किडनी निकाल ली। अब उनकी सरकार से गुहार है कि आ’रोपी डॉक्टर की किडनी ही ट्रांसप्लांट कराई जाए। साथ ही उन्होंने आरो’पी डॉक्टर को गिरफ्तार करने की भी मांग की है।

मुजफ्फरपुर की महिला ने लगाई गुहार
38 वर्षीय सुनीता देवी का इलाज मुजफ्फरपुर के राजकीय श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में चल रहा है। उन्हें जीवित रहने के लिए नियमित डायलिसिस पर रखा गया है। सुनीता ने कहा, ‘मैं सरकार से अपील करती हूं कि मेरी दोनों किडनी निकालने वाले आ’रोपी डॉक्टर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उसकी किडनी मुझे ट्रांसप्लांट के लिए दी जानी चाहिए ताकि मैं जीवित रह सकूं।’

आ’रोपी डॉक्टर की किडनी ट्रांस्प्लांट की मांग
सुनीता देवी कहा कि अगर कार्रवाई की जाती है तो यह ऐसे सभी लालची डॉक्टरों के लिए सजा होगी जो पैसे के लिए गरीबों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं। महिला के तीन छोटे बच्चे हैं और वह उनकी देखभाल के लिए जिंदा रहना चाहती हैं। सितंबर में इस घटना के सामने आते ही आरो’पी डॉक्टर आरके सिंह फरार है। पुलिस को उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। महिला अपने गर्भाशय के संक्रमण का इलाज कराने मुजफ्फरपुर शहर के बरियारपुर इलाके में स्थित एक निजी क्लिनिक में गई थी।

आरो’प है कि इसी दौरान नर्सिंग होम के डॉक्टर ने सुनीता की दोनों किडनी निकाल ली थी। 3 सितंबर को उसका ऑपरेशन किया गया था। वह लगातार पेट दर्द से पी’ड़ित थी और ऑपरेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ती गई। उसे तुरंत ही एसकेएमसीएच ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसकी दोनों किडनी गायब हैं। इसके बाद, उन्हें पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में रेफर कर दिया गया था। वहां कुछ दिनों तक इलाज के बाद, उन्हें वापस SKMCH भेज दिया गया, जहां वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं।

एसकेएमसीएच अधीक्षक ने क्या कहा
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने मंगलवार को टीओआई को बताया कि हम उसकी मेडिकल स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर दूसरे दिन सुनीता का डायलिसिस कर रहे हैं। हम उनकी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। महिला ने बताया कि वह आईजीआईएमएस में रजिस्टर हैं और जब भी किडनी आएगी तो उन्हें ट्रांसप्लांट के लिए बुलाया जाएगा। हालांकि, सुनीता तुरंत अपना किडनी ट्रांसप्लांट चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मैं रोजाना डायलिसिस के कारण ही जीवित हूं।

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