लॉकडाउन के बीच कृषि मंत्रालय ने मुजफ्फरपुर की शाही लीची को देश के कोने-कोने में पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसके तहत शाही लीची समेत अन्य मौसमी फलों के उत्पादकों व खरीदारों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए एक हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग ग्रुप बनाया गया है। इसमें देश के हर कोने के उत्पादक व कारोबारियों को जोड़ा गया है। पूरी कवायद सोमवार को हुई, जब कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्पादकों व कारोबारियों से बात की।
मंत्रालय की पहल से अब लॉकडाउन के कारण शाही लीची की मार्केटिंग पर छाए आशंका के बादल साफ हो गए हैं। इस बारे में लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने जानकारी दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उनके अलावा दामोदरपुर के विजय कुमार, सुमेरा के मो. फैज, वैशाली के कटरमाला निवासी विपिन कुमार पांडेय व समस्तीपुर के सुधांशु कुमार सहित असम व उत्तराखंड के कुल 90 उत्पादक व कारोबारी शामिल हुए। लीची की मार्केटिंग की समस्या पर मंत्रालय के विशेष सचिव वसुंधरा मिश्रा ने लीची उत्पादक व कारोबारियों से कहा कि वे जितनी जल्द अपनी जरूरत से संबंधित प्रस्ताव देंगे, उतनी जल्दी उसपर कार्रवाई शुरू होगी। मंत्रालय लीची के परिवहन की व्यवस्था करेगा।
ग्रुप में संवाद करेंगे उत्पादक व कारोबारी
इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तत्काल बाद इस तरह के मौसमी फलों के कारोबार को गति देने के लिए तत्काल एक हार्टिकल्चर मार्केटिंग ग्रुप बनाया गया। ग्रुप से जुड़े देश भर के उत्पादक व कारोबारी आपसी संवाद कर लाभ उठा सकेंगे। मंत्रालय को भी स्थिति से अवगत कराएंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंत्रालय की ओर से विशेष सचिव के अलावा उद्यान आयुक्त डॉ. बीएनएस मूर्ति व उद्यान उपायुक्त संजय कुमार भी शामिल हुए। कॉन्फ्रेंसिंग में सभी कारोबारी व उत्पादक अपने घर पर रहते हुए शामिल हुए।
Soure: Hindustan
Be First to Comment