वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल-2 हरनाटाड़ क्षेत्र में आदमखोर बाघ अब तक वन विभाग की पकड़ में नहीं आया है। वीटीआर के वनकर्मियों की पूरी टीम के लिए बाघ को पकड़ना बड़ी चुनौती बन गया है। रविवार को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता के नेतृत्व में संजय गांधी जैविक उद्यान के रेस्क्यू दल को VTR रवाना किया गया।
रेस्क्यू टीम में एक पशु चिकित्सक समरेंद्र कुमार व तीन अन्य वनकर्मी शामिल हैं। यह दल पांच वन क्षेत्रों के वनकर्मियों के साथ बाघ को पकड़ने में सहयोग करेगा।
बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिये एक्सपर्ट शूटर शफाअत अली को रेस्क्यू टीम में शामिल किया गया है। रेस्क्यू के लिये बनाये गये प्लान के अनुसार टीम के सभी सदस्य मुस्तैद रहेंगे। इस दौरान यदि बाघ पर काबू पा लिया गया तो उसे 30 किमी दूर जहां कोई आबादी नहीं होगी, वहां छोड़ा जाएगा।
एक्सपर्ट ने बताया कि बाघ को बेहोश करने वाली दवा (ट्रैंकुलाइजर) का असर 30 से 40 मिनट तक ही रहता है। उसके बाद बाघ को फिर से होश आ जाता है। इसे देखते हुए रेस्क्यू टीम बाघ को खुले क्षेत्र में ही ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश करेगी, ताकि बेहोश करने के बाद बाघ को खोजने में आसानी हो।
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