आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द कराने के लिए अदालत का रुख किया है। सीबीआई ने अदालत में याचिका दायर कर तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की मांग की है। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने सीबीआई की याचिका पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है।
सीबीआई का कहना है कि तेजस्वी यादव जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने तेजस्वी यादव से पूछा है कि सीबीआई की याचिका को देखते हुए क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। हालांकि, अभी अदालत ने यादव को जवाब देने के लिए तलब किया है। ज्ञात रहे कि आईआरसीटीसी घोटाले में अभी तेजस्वी यादव जमानत पर हैं और बिहार के उप-मुख्यमंत्री पद पर हैं।
तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी घोटाला मामले में आरो’पी हैं। इस मामले में वो जमानत पर चल रहे हैं। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। अब सीबीआई ने अदालत दलील पेश की है कि यह एक गंभीर मामला है। यादव मामले की जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए उनकी जमानत रद्द कर दी जाए, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। सीबीआई ने याचिका में यह भी कहा कि तेजस्वी यादव के बाहर रहने से इस मामले के कई गवाह प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में यादव को दी गई राहत को रद्द कर दिया जाए।
बता दें कि लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग इस मामले में आरो’पी हैं। यह मामला राउज एवेंन्यू अदालत में चल रहा है। इसकी जांच सीबीआई के साथ ही ईडी भी कर रही है। इस मामले में आईआरसीटीसी के होटल के टेंडर में धोखा’धड़ी का खुलासा हुआ था, जिसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत से लालू के परिवार के सदस्यों को जमानत मिल गई थी, परंतु अब सीबीआई का कहना है कि तेजस्वी यादव प्रभावशाली पद पर हैं और मामले में हस्तक्षेप कर जांच प्रभावित कर रहे हैं।
प्रेसवार्ता कर सीबीआई को धम’की का आ’रोप
सीबीआई ने याचिका में कहा है कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक प्रेसवार्ता में खुलेआम सीबीआई अधिकारियों को धम’की भरे अंदाज में संदेश दिया है, क्योंकि इस समय वह एक प्रभावशाली पद पर हैं ऐसे में उनके द्वारा कही गई बातें जांच को प्रभावित कर सकती हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि यादव ने यह प्रेसवार्ता बिहार में कई जगहों पर सीबीआई की छापेमारी को लेकर की थी।
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