बिहार में सातवें चरण की शिक्षक भर्ती और छठे चरण की बहाली के खाली पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रद’र्शन के दौरान पटना के एडीएम के हाथों पि’टे अनीसुर रहमान ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर तं’ज किया है कि अगर उनका अपना कलम खो गया है तो पीए से कलम मांगकर नौकरी की फाइल पर साइन कर दें।
असल में 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था और तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि राजद की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में दस लाख नौकरी की फाइल पर साइन किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर अनीसुर की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद पटना के डीएम ने जांच का आदेश दिया था लेकिन वो जांच भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है। पिटाई के आरोपी एडीएम केके सिंह ने अपना पक्ष रखने के लिए और समय मांगा है तो पुलिस भी दर्जनों समाचार और यू-ट्यूब चैनलों के कैमरे में पांच फीट की दूरी से कैद पिटा’ई की सच्चाई तलाशने के लिए सीसीटीवी फुटेज अरैंज करने के लिए वक्त मांग रही है।
पिता और बड़े भाई मजदूरी करते हैं जबकि मां पड़ोस के घरों में काम करती हैं। अनीसुर का घर इसी से चलता है। तीन बार सीटीईटी पास कर चुके अनीसुर को अब तक सरकारी नौकरी का इंतजार है और इसी वजह से वो पटना में प्रदर्शन में शामिल होने गए थे जहां पिटाई हो गई।
अनीसुर का एक नया वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने ने कहा हैं कि “कैबिनेट बैठक में पहले कलम से पहला हस्ताक्षर रोजगार का था, शिक्षकों का था। हमको लगता है कि तेजस्वी बाबू का कलम हेरा गया है। बगल से आप अपने पीए से ले सकते हैं। उससे लेकर सिग्नेचर कर दीजिए।” वीडियो को बिहार में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने ट्वीटर पर शेयर किया है।
10 लाख नौकरी के वादे पर तेजस्वी यादव का साथ देते हुए नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को कहा था कि दस क्या हम तो चाहते हैं कि 20 लाख को रोजगार मिले। बिहार में शिक्षकों की बहाली 2006 से चरणवार तरीके से चल रही है। 2019 में छठे चरण की बहाली शुरू हुई थी जो 2022 में पूरी हुई।
छठे चरण के लिए तय 94 हजार में मात्र 42 हजार ही नियुक्त हुए और 52 हजार के लगभग पद खाली रह गए। बेरोजगार आंदोलनों के जरिए खाली पदों को भरने और सातवें चरण की बहाली की अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहे हैं।
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