बिहार राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को उनके खाते में सरकार के विभिन्न लाभुक योजनाओं के करीब 3100 करोड़ शिक्षा विभाग ने भेज दिए हैं। 75 फीसदी हाजिरी वाले शेष बचे विद्यार्थियों के खाते में भी अगले चार-पांच दिनों में राशि चली जाएगी।
लॉकडाउन को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को छात्रवृत्ति योजना की राशि 12वीं तक के विद्यार्थियों के खाते में 31 मार्च तक भुगतान करने का निर्देश दिया था। शिक्षा विभाग ने युद्धस्तर पर अपनी टीम को लगाकर 31 मार्च तक करीब 80 लाख के खाते में पैसे भेज दिए।
इस दिन तक भेजी जाने वाली राशि करीब 2000 करोड़ थी। ये पैसे छात्रवृत्ति के अलावा, पोशाक, साइकिल, प्रोत्साहन, किशोरी स्वास्थ्य योजना समेत अन्य लाभुक योजनाओं के थे। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार तक 1 करोड़ 8 लाख बच्चों को 3102 करोड़ 87 लाख भेजे जा चुके हैं।
स्कूलों के दावों की जिलास्तर पर की जा रही है जांच
शिक्षा विभाग ने 75 फीसदी हाजिरी वाले विद्यार्थियों का जो ब्योरा मेधा साफ्ट के जरिए जिलों से मांगा था, उसके मुताबिक करीब 3500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया था। हालांकि जिन बच्चों के लिए लाभुक योजनाओं की मांग विद्यालयों ने की है, उनके दावों की जांच जिलास्तर पर हो रही है। हाल ही में 732 स्कूलों से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जल्द ही जहां से जो जानकारी मांगी गयी, उनके आते ही शेष बच्चों को भी योजनाओं के पैसे दे दिए जाएंगे।
पहली बार मेधासाफ्ट के जरिए हो रहा भुगतान
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने पहली बार राज्यस्तर से लाभुक योजनाओं का भुगतान किया है। यह मेधासाफ्ट एप के जरिए संभव हो पा रहा है। इसमें जिलों ने अपने 75 फीसदी हाजिरी वाले एक-एक बच्चों का ब्योरा भरा है। कई स्तर पर उसकी जांच और जिलों से क्लियरेंस के बाद डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राज्य मुख्यालय से पैसा सीधे बच्चों के खातों में भेजा जा रहा है।
Source: hindustan
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