दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में शुक्रवार को आतंकी हमले में एक सीआरपीएफ जवान जख्मी हो गया। हमले के बाद भाग निकले आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने सघन तलाशी अभियान चलाया गया है। बताया जाता है कि पुलवामा के नेवा इलाके में सीआरपीएफ की 183वीं वाहिनी और पुलिस के जवानों का एक संयुक्त शिविर है। शाम को सूर्यास्त के बाद आतंकियों ने इसी शिविर पर हमला करते हुए एक निकटवर्ती बाग से फायरिंग की।
फायरिंग में शिविर के बाहर खड़े जवानों में शामिल कांस्टेबल इंद्र कुमार निवासी राजस्थान गोली लगने से जख्मी हो गए। अन्य जवानों ने तुरंत जवाबी फायर किया। इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। घायल जवान को अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। अस्पताल में घायल जवान का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि उसके पैर में गोली लगी है। जवान की हालत स्थिर व खतरे से बाहर है।
इधर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों का आतंकरोधी अभियान जारी है। सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले और दक्षिण कश्मीर के शोपियां में दो मुठभेड़ों में हिजबुल के चार आतंकियों को मार गिराया। दोनों ही मुठभेड़ में खास बात यह रही कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए आतंकियों के शवों और उनके हथियारों को कब्जे में लेते समय पूरी एहतियात बरती गई। सेना ने आतंकरोधी अभियानों में जुटे जवानों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर रखा है।
इस बीच, जम्मू कश्मीर पुलिस के मीडिया सेंटर ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने किश्तवाड़ में हिजबुल के दो आतंकियों को मारकर अपने एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) की शहादत का बदला ले लिया है। शुक्रवार तड़के पुलिस को पता चला कि दो से तीन आतंकी शोपियां के दायरू, कीगाम इलाके में अपने किसी संपर्क सूत्र के पास आए हैं। इसपर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी ने सेना के साथ गांव की घेराबंदी कर ली। सुबह करीब साढ़े छह बजे जवान आगे बढ़ रहे थे तो एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इस दौरान सेना ने आत्मसमर्पण के लिए कई बार कहा, लेकिन आतंकी नहीं माने।
एक आतंकी ने सुरक्षाबलों पर पहले ग्रेनेड दागा और अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए मकान की खिड़की से कूदकर भागने लगा। जवानों ने तुरंत उस पर फायर किया तो वह वापस मकान में घुस गया। इस दौरान लगी गोली से वह मकान के अंदर ढेर हो गया। उसका दूसरा साथी भी कुछ ही देर में मारा गया। पांच दिन पहले किश्तवाड़ के दच्छन क्षेत्र के टेंडर गांव में ड्यूटी पर तैनात जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो एसपीओ पर हमला कर भागे दोनों आतंकियों को भी सुरक्षाबलों ने एक दूसरी मुठभेड़ में मार गिराया।
Source: Jagran
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