गर्मी की धमक के साथ ही एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) का कहर शुरू हो गया है। एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती दो और बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई है। चमकी बुखार से पीड़ित वैशाली के परमानंदपुर के अनुराग (6 वर्ष) व शिवहर तरियानी के रौशन कुमार (13 वर्ष) को मंगलवार को भर्ती कराया गया। दोनों की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही उत्तर बिहार में पीड़ितों की संख्या 23 पहुंच गई है।
पूर्वी चंपारण से आए सबसे ज्यादा मामले
इस सीजन में मुजफ्फरपुर में तीन, पश्चिम चंपारण, वैशाली व शिवहर में एक-एक और पूर्वी चंपारण में 17 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड निवासी एक बच्चे की मौत हो चुकी है, जबकि 12 बच्चों को स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। एसकेएमसीएच व पूर्वी चंपारण के मोतिहारी सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में पांच-पांच पीड़ितों का इलाज चल रहा है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि पीआइसीयू कक्ष में अब तक एईएस से पीड़ित नौ बच्चे भर्ती हुए हैं। इसमें पांच का इलाज चल रहा है। वहीं तीन को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। जबकि एक की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। उधर, मोतिहारी सदर अस्पताल में 14 बच्चों को भर्ती किया गया था। इसमें से नौ बच्चे स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
बुखार से पीड़ित पांच बच्चे भर्ती
एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में पांच बच्चों को भर्ती कराया गया। इनका इलाज कर रहे चिकित्सक ने बताया कि बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित नहीं है। सभी मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं। तेज बुखार होने पर चमकी हो जाता है। इसमें वैशाली के सुकी पातेपुर के दो भाई अमन कुमार व संगम कुमार, लालगंज भटका के हिमांशु कुमार, हरपुर मनियारी की मेघा कुमारी व सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर के शिवम कुमार शामिल हैं। इधर, चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की जांच में देरी न हो, सही समय पर उनका ब्लड शुगर जांच कर इलाज शुरू हो जाए, इसके लिए शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों को ग्लूकोमीटर दिया गया। इससे इमरजेंसी में चमकी से पीड़ित बच्चों की ससमय जांच हो जाएगी।
Source: Jagran
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