कोरोना वायरण के बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन के साथ हॉटस्पॉट क्षेत्र घोषित होने के बाद भी लखनऊ में बस धड़ल्ले से चल रही है। बाराबंकी में मीट फैक्ट्री में प्रोडक्शन भी चल रहा है। इसी बीच लखनऊ में पुलिस की सक्रियता से फैक्ट्री में काम करने जा रही आठ महिलाओं के साथ बस के चालक को गिरफ्तार किया गया। बस में लखनऊ के डीएम के फर्जी हस्ताक्षर वाला पास भी लगा था।
जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच भी लखनऊ तथा पड़ोसी जिले बाराबंकी में लॉकडाउन के बीच में भी फर्जीवाड़ा जारी है। लखनऊ के इंदिरानगर में सोमवार को छह कुंटल मांस लदी गाड़ी के साथ छह लोगों की गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर बड़ा मामला सामने आ गया। लॉकडाउन के बावजूद बाराबंकी में भी अमरून मीट फैक्ट्री से मांस की सप्लाई जारी है। सोमवार रात मडिय़ांव पुलिस ने थाने से चंद कदम की दूरी पर ओवरब्रिज के नीचे फैक्ट्री की बस में बैठने जा रही आठ महिलाओं को गिरफ्तार किया। इसके बाद बस को सीज करते हुये चालक को भी गिरफ्तार कर लिया, तब इस बात का खुलासा हुआ।
फैक्ट्री की बस रोज कर्मचारियों को लेने आ रही थी। महिलाओं के साथ बस चालक कैलाश यादव को गिरफ्तार किया गया है, जबकि ठेकेदार प्रमोद और फैक्ट्री मैनेजर वेणुगोपाल की गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है। सबके खिलाफ मडिय़ांव थाने में एफआईआर दर्ज है। बस चालक कैलाश के साथ बस में बैठकर फैक्ट्री जा रही महिला आफरीन, आयशा, हिना, मेहरजहां, अमीना, फातिमा, रुही व अमीना जहां को गिरफ्तार किया गया।
इंस्पेक्टर मडिय़ांव के मुताबिक बस यूपी 41 एटी 3573 भी अमरून फैक्ट्री के नाम पर रजिस्टर्ड है, जबकि बस पर डीएम के फर्जी हस्ताक्षर युक्त कोविड 19 पास भी लगा था। वह भी पुलिस जांच में फर्जी पाया गया है। पास पर चालक का नाम नहीं है। बस चालक रात के अंधेरे में रोज बस से कर्मचारियों को लखनऊ से बाराबंकी फैक्ट्री ले जाता था। पुलिस अब अमरून मीट फैक्ट्री के मैनेजर वेणुगोपाल व ठेकेदार प्रमोद की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
Source: Jagran
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