मधेपुरा : उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के बुधमा गांव की पंचायत का फैसला काफी चर्चा में है। यहां महिला से दुष्क’र्म का प्रयास करने के एक आ’रोपी को ग्रामीणों की पंचायत ने 51 हजार रुपए जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जबकि पी’ड़िता इसके लिए तैयार नहीं थी।
सरपंच की सहमति व उनके साथ जुर्मा’ना लगाए जाने के लिए बैठी पंचायती में पीड़ि’ता को बुलाया भी नहीं गया था। बावजूद इसके पंचायत का फैसला हो जाने के बाद एकरारनामा पर उससे हस्ताक्षर करवा लिया गया। बताया जा रहा है कि पी’ड़ित तो थाने में केस दर्ज कराना चाहती थी, लेकिन पुलिस की ला’परवाही के कारण स्थानीय लोगों को इस तरह के अ’पराध को दबा’ने का मौका मिल गया।
घ’टना उदाकिशुनगंज थाना अन्तर्गत बुधमा पुलिस कैंप से महज कुछ ही दूरी की है। पीड़िता की मानें तो 17 अप्रैल की रात को वह घर में सोई हुई थी। इसी दौरान गांव का ही श्यामल मंडल आया और उससे दुष्क’र्म का प्रयास करने लगा। इस क्रम में जैसे ही महिला की नींद खुली, उसने तुरंत बचाव के लिए शो’र मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद आसपास के लोगों के साथ-साथ कैंप से भी दो-तीन पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। पीड़ि’ता ने इन सभी को घट’ना की जानकारी दी। इसके बाद आधी रात को मौजूद लोगों ने समझा बुझाकर मामले को तत्काल शांत कराया। लोगों का कहना था कि सुबह में मामले को देखा जाएगा।
पी’ड़िता का कहना है कि मामले को लेकर सरपंच की अध्यक्षता में 20 अप्रैल को उसके ही घर के समीप बाबूलाल शर्मा के दरवाजे पर पंचायती की गई.। यहां मुखिया, सरपंच समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे। पी’ड़िता ने बताया कि पंचायती में उसे नहीं बुलाया गया। उसकी अनुपस्थिति में ही पंचायत ने फैसला तय कर लिया और इसके बाद उसे बुलाया गया। फिर एकरारनामा पर हस्ताक्षर करवा लिया गया।
पी’ड़िता का कहना है कि लगातार द’बाव बनाए जाने पर उसे जबर’न हस्ताक्षर करना पड़ा। उसके बाद बताया गया कि आरोपी को 51000 जुर्मा’ना लगाया गया है, ताकि वह दोबारा ऐसी गलती न करे। हालांकि, यह रुपए किसे मिलने थे, इसका जिक्र एकरारनामा में नहीं था। महिला का यह भी कहना था कि कुछ दिन पूर्व भी आरो’पी ने इस तरह की हर’कत की थी तब सिर्फ उसे डां’ट-फ’टकार लगा कर छोड़ दिया गया। अब पंचायत का यह फैसला सोशल मीडिया में सामने आया है जिसके बाद पी’ड़िता ने अपनी बात रखी है।
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