मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा खानपुर, अब्दुल नगर माधोपुर में एईएस जागरुकता अभियान के तहत लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक किया गया।
पूर्वी पदाधिकारी ने बताया कि यह बीमारी अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलता है। गर्मी का तापमान अधिक होने की वजह से बच्चे एईएस की चपेट में आ जाते हैं। निम्न वर्गीय घरों में एलवेस्टर, या जिनके मकान के छत की उंचाई ज्यादा नहीं होने की वजह से गर्मी का तापमान अधिक हो जाता हैं। जिससे बच्चो का सुगर लेवल घटने लगता हैं, और बच्चे बीमार पड़ते हैं।
तेज बुखार आना, पूरे शरीर या किसी खास अंग में ऐंठन होना, दांत पर दांत लगना, बच्चे का सुस्त होना, बेहोश होना व चिउंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना। ये लक्षण दिखते ही अपने नजदीक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर को दिखाएं।
अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा है तो उसे साफ कपड़े से पोछें, जिससे सांस लेने में कोई दिक्कत न हो। बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें। तेज रोशनी से बचाने के लिए मरीज की आंखों को पट्टी से ढंके। बेहोशी व मिर्गी आने की अवस्था में मरीज को हवादार स्थान पर लिटाएं।बच्चे को खाली पेट लीची न खिलायें, अधपके अथवा कच्ची लीची को खाने से बचें।
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