दक्षिण और मध्य बिहार में औसत से अधिक तापमान के कारण गेहूं के दाने सूख गए हैं। इससे प्रति हेक्टेयर 15-20 क्विंटल गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका है। किसान चिं’तित है कि उनका गेहूं कैसे बिकेगा। क्योंकि, एक दम छोटा दाना न तो पैक्स खरीदेगा और न बाजार में सही कीमत मिलेगी। इससे किसानों की आमदनी घटेगी।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बताया गया कि दक्षिण और मध्य बिहार में जिन खेतों में नमी की कमी रही, वहां मार्च में अत्यधिक गर्मी ने गेहूं की फसल को प्रभावित किया है। बिक्रम प्रखंड के बेरर गांव के किसान बताते हैं कि उनके प्रखंड में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। बिहटा अमहारा के किसान के अनुसार लेट बुआई वाले खेतों में गेहूं के दाने सूखे हैं।
उत्तर बिहार की खेतों में नमी अधिक रहती है। अभी वहां तापमान भी दक्षिण बिहार की तुलना में कम है। इसलिए उत्तर बिहार में उत्पादित गेहूं की फसल अधिक प्रभावित नहीं हुई है। जबकि मध्य बिहार में गेहूं के दाने अधिक सूखे हैं। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 21.5 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है, इसमें 64 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार औसत से अधिक तापमान सिर्फ गेहूं ही नहीं प्याज और हरी सब्जियों के उत्पादन पर भी असर डाल रहा है। राज्य में प्याज की खेती भी प्रभावित हुई है।
पटना में 10 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती होती है। बैरिया के प्याज उत्पादक किसान बताते हैं कि अधिक गर्मी के कारण प्याज के कंद छोटे हो गये हैं। पहले एक कट्ठा में 10-12 मन प्याज का उत्पादन होता था, इस बार 05-06 मन ही उत्पादन हुआ है। बैरिया और पटना सिटी जल्ला क्षेत्र के किसान प्याज की प्रमुख खेती करते हैं। उत्पादन घटने से किसानों को घाटा सहना पड़ेगा। यही नहीं, लगातार पछुआ हवा चलने से हरी सब्जियों की फसल प्रभावित हो रही है।
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