देवघर रोपवे हा’दसे से बाल बाल बचकर बिहार लौटे मुजफ्फरपुर, सिकंदरपुर निवासी प्रदीप टिबड़ेवाल। बताई रोंग’टे खड़े करने वाली आपबीती। रोपवे में प्रदीप की पत्नी आशा टिबड़ेवाल व पुत्र शुभम के साथ 20 घंटे तक फं’से रहे। इस दौरान रात में मौसम खरा’ब होने के बाद तेज हवा चलने से सां’सें थ’मी रही। नीचे हजारों फीट गहरी खा’ई देखकर उनकी हिम्मत जवाब देती रही।
ईश्वर के आशीर्वाद से हम देवघर से सकुशल घर लौट आए हैं। 20 घंटे तक एक-एक पल मेरे व परिवार के लिए दह’शत भरा रहा। रविवार शाम साढ़े चार बजे झ’टके के साथ रोपवे बं’द हो गया और ट्रॉली अचा’नक एक फी’ट झु’क गया। इसके बाद हम ईश्वर को याद करने लगे।
स्थानीय लोग, सेना व एनडीआरएफ के जवान व अधिकारी रोप-वे में फं’से लोगों का हौसला बढ़ाते रहे। इसी हौसले पर बीस घंटे तक भूखे-प्यासे रोप-वे में फं’से रहे।
मुजफ्परपुर, सूतापट्टी में होजियारी का थोक कारोबारी टिबड़ेवाल परिवार ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हुआ। एक घंटे तक हेलीकॉप्टर से जवान बेल्ट फेंकते रहे। तेज हवा के कारण बेल्ट हाथ में नहीं आ पा रहा था। सोमवार को दोपहर 12 बजे रोपवे से निकल सके।
प्रदीप टिबड़ेवाल ने बताया कि बीस घंटे तक भूखे-प्यासे रहने के कारण स्थिति ख’राब होने लगी। पत्नी आशा को डिहाइड्रेशन के कारण देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर पटना लौटे। इसके बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे। पूरा परिवार देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के बाद बासुकीनाथ गए। इसके बाद त्रिकूट पर्वत पर जाने के लिए चार बजे रोप-वे पर बैठे थे।
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