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सीएम भूपेश बघेल : गोबर से बने ब्रीफकेस में पेश किया गया छत्तीसगढ़ का बजट

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया। इस दौरान बघेल के हाथ में मौजूद एक ब्रीफकेस काफी चर्चा में है। दरअसल यह ब्रीफकेस गोबर से बना हुआ है, जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल बजट पेश किया। इस ब्रीफकेस पर संस्कृत में ‘गोमय वसते लक्ष्मी’ लिखा था, जिसका अर्थ गोबर में लक्ष्मी का वास होता है।

गाय के गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर बजट पेश करने विधानसभा पहुंचे CM भूपेश बघेल,  जानें छत्तीसगढ़ में इसके मायने?

देश में ऐसा पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने बजट लाने के लिए गोबर से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया है। आम तौर पर इससे पहले अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री चमड़े या जूट से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल बजट की प्रति लाने के लिए करते रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, इस ब्रीफकेस को रायपुर गोकुल धाम गौठान में काम करने वाली ‘एक पहल’ महिला स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है।समूह की महिलाओं द्वारा बताया गया कि इस ब्रीफकेस की खासियत ये है कि इसे गोबर पाउडर, चूना पाउडर, मैदा, लकड़ी एवं ग्वार गम के मिश्रण को परत दर परत लगाकर 10 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। बजट के लिए विशेष तौर पर तैयार इस ब्रीफकेस के हैंडल और कॉर्नर कोंडागांव शहर के समूह ने बस्तर आर्ट कारीगर से तैयार करवाया गया है।

छत्तीसगढ़: गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लेकर विधानसभा पहुंचे CM भूपेश बघेल  – Legend News

बता दें, दरअसल, छत्तीसगढ़ में ये मान्यता है कि गोबर मां लक्ष्मी का प्रतीक है। प्रदेश के तीज त्योहारों में घरों को गोबर से लीपने की परंपरा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गोमय ब्रीफकेस को बनाया है, ताकि मुख्यमंत्री के हाथों इस ब्रीफकेस से छत्तीसगढ़ के हर घर में बजट रूपी लक्ष्मी का प्रवेश हो और छत्तीसगढ़ का हर नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हो सके।
प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरूआत 2021 में की गई थी। मकसद है पशुपालकों को लाभ पहुंचाया जा सके। इस योजना के तहत राज्य सरकार पशुपालक किसानों से गाय का गोबर खरीदती है। इसके बदले उन्हें पैसे दिए जाते हैं। 2022 तक इस योजना का कई किसान लाभ भी उठा चुके हैं।

गोबर का ब्रिफकेस लेकर विधानसभा पहुंचे सीएम बघेल, प्रस्तुत कर रहे हैं सत्र  का बजट - Clipper28 Digital Media

इस योजना के तहत सरकार गायों के लिए भी काम कर रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रदेशभर में अलग-अलग गौठानों का निर्माण भी किया है। इनमें गायों की देखभाल का काम किया जा रहा है और उनके गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का काम किया जाता है।गोधन न्याय योजना ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसकी तारीफ प्रधानमंत्री और कृषि मामलों की संसदीय समिति भी कर चुकी है। गोधन न्याय योजना के तहत राज्यभर में 10591 गौठानों को स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें से 8048 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। राज्य के 2800 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।

सीएम भूपेश बघेल के बजट बैग ने खींचा ध्यान, गोबर से बने ब्रीफकेस में पेश  किया गया छत्तीसगढ़ का बजट | CM Bhupesh Baghel's budget bag drew attention,  Chhattisgarh's budget ...

राज्य सरकार गाय पालने वाले किसानों से गोबर तो खरीद ही रही है। इसके अलावा राज्य सरकार गोबर से ही बिजली और गुलाल बनाने का काम कर रही है। पिछले साल गांधी जयंती के दिन सीएम ने गोबर से बिजली बनाए जानी की परियोजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत अब राज्य सरकार गोबर से ही बिजली बनाने का काम किया जा रहा है। वहीं रायपुर की सामाजिक संस्था एक पहल गोबर से ही गुलाल बनाने का काम कर रही है।

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