दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail) मेंं निर्भया सामूहिक दु’ष्कर्म व ह’त्याकांड केे सभी चारों दो’षियों को सुबह 5.30 बजेे फां’सी दे दी गई। इनमेें बिहार के औरंगाबाद जिले का रहनेे वाला अक्षय ठाकुर (Akshay Thakur) भी शामिल था। फां’सी के पहले इसे रोकने की प्रक्रिया लगातार जारी रही। अंतत: सुबह 3.30 बजे जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दो’षियोंं की याचिका खारिज की, तब जा कर फां’सी (Hanging) का रास्ता साफ हो सका।
अक्षय की साथियों केे साथ फांं’सी की पूरे देश की तरह बिहार मेें भी प्रतीक्षा थी। हालांकि, इस संबंंध में उसके औरंगाबाद केे पैतृक गांव सेे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। अक्षय ठाकुर को फांं’सी केे बाद बिहार के उसके पैतृक गांंव करमा लहंग (Karma Lahang) में मातम है। वहांं कल से ही माहौल गमगीन है। अक्षय केे गांंव मेंं उसके घर पर सुबह से भीड़ उमड़़ रही है।
तिहाड़ जेल में फां’सी की तैयारी सुबह 04.00 बजे शुरू हुई। इसके पहले दो’षियों की याचिका पर सुबह 3.30 बजे तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट ने एक घंटे की सुनवाई के बाद 3.30 बजे याचिका खारिज कर दी।सुबह 5.25 बजे तक निर्भया के दो’षियों को फां’सी के तख्ते तक ले जाया जा चुका था।
Source: Jagran
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