Kartik Purnima 2020: कार्तिक पूर्णि’मा आज यानी 30 नवंबर सोम’वार को है। इस दिन स्नान के सा’थ दान का भी बहुत महत्व है। कार्तिक पूर्णि’मा के दिन भगवा’न विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि योग व वर्ध’मान योग बन रहे हैं। इस योग के का’रण कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्’यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में या तुलसी के पास दीप जलाने से महाल’क्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार कोरो’ना के कारण कई जगह गंगा स्नान की अनुम’ति नहीं है। इसलिए श्रद्धालु घर पर नहाने के लिए रखे गए पानी में गं’गाजल मिलाकर स्ना’न का पुण्य ले सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य डा.सुशांत राज के अनुसार इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धा’र्मिक कार्य विशेष फलदा’यी होते हैं। मान्’यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्या’वतार हुआ था। दूसरी मान्यता के अनु’सार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपु’रासुर का वध किया था।
तीसरा उपच्छा’या ग्रहण 30 नवंबर को
तीसरा उपच्छा’या ग्रहण भी 30 नवंबर को ही है। यह वास्तव में चंद्रग्रह’ण नहीं होता। इस उप’च्छाया ग्रहण की सम’यावधि में चंद्रमा की चांदनी में केवल धुंधला’पन आ जाता है। इससे ग्रहण के सूतक भी नहीं लगेगा। भारत सहित यह उप’च्छाया अधिकतर यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रे’लिया, अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण अमरी’का (पूर्वी ब्राजील, उर्गवे, पूर्वी अर्जेन्टीना), प्रशां’त तथा हिन्द महासा’गर आदि क्षेत्रो में दिखाई देगा। भारत के कई प्रांतों में यह उपच्छा’या दिखाई नही देगी।
Be First to Comment