राजधानी पटना के पीएमसीएच में गुरुवार को मृत मोहम्’मद निसार का शव 4 घंटे तक जमीन पर पड़ा रहा लेकिन परि’जनों को एंबु’लेंस नहीं मिली। परिजन शव को सरकारी एंबुलेंस से दरभंगा के जाले स्थित कल’वाड़ा गांव ले जाना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने अधीक्षक कार्या’लय और प्राचार्य के कार्यालय में कई बार दौड़ लगाई लेकि’न उनकी किसी ने नहीं सुनी। अंत में परिजनों को निजी एंबु’लेंस वालों की मनमानी का शिकार होना पड़ा।
मोहम्मद निसार के पिता मोहम्मद इजहार ने बताया बताया कि गरीब मरीजों को नि:शुल्क एंबुलेंस देने की घोष’णा सरकार ने की है पर पीएमसीएच प्रशा’सन और निजी एंबु’लेंस चाल’कों की मिलीभगत से गरीब परेशान हो रहे हैं। कई बार चक्’कर लगाने के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली।
शव उता’रने के लिए वसूले सात सौ रुपए
पीएमसीएच के वार्ड ब्वाय और ट्रॉली मैन की मनमानी गरीब मरीजों पर भारी पड़ती जा रही है। निसा’र की मौत के बाद शव उ’ठाने के लिए वार्ड बॉय ने 500 और शव को नीचे लाने के लिए ट्रॉली मैन ने 200 रुपये वसूले। इजहार ने बता’या कि उनका पुत्र एक सप्ता’ह पहले हथु’आ वार्ड में भर्ती हुआ था। कहने को सरकारी अस्प’ताल है लेकिन जगह-जगह उनसे पैसे की मांग अस्प’ताल कर्मि’यों करते रहे। कई बार दवा के लिए भी पैसे लिए गए। पुत्र को टीबी था। उन्होंने कहा कि भर्ती मरीजों को दोप’हर और रात में खाने में कुछ नहीं मिलता था।
गरीब मरीजों की मौत होने पर उनके शव को घर तक पहुं’चाने की व्यवस्था पीए’मसीएच के एंबुलेंस से होती है। कई बार ज्यादा मौत होने पर एंबुलें’स उपल’ब्ध नहीं रहती है। यही कारण है कि एंबुलें’स समय पर उप’लब्ध नहीं हो पाया होगा।
-डॉ. बीपी चौधरी, प्राचार्य पीएमसीएच
Be First to Comment