ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत 638 करोड़ 27 लाख की लागत से 533 प्रखंडों के 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदानों के निर्माण का कार्यारम्भ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट के माध्यम से आज एक अणे मार्ग से किया। कैमूर जिले के 170 खेल मैदान का सीएम नीतीश ने ऑनलाइन शिलान्यास किया। इस दौरान कैमूर में मोहनियां की विधायक संगीता कुमारी मौजूद रही। बता दें कि कैमूर जिले के 133 पंचायत में कुल 170 खेल मैदान बनाए जाएंगे। जिसे लेकर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऑनलाइन शिलान्यास किया। खेल मैदान मनरेगा योजना के तहत खेल प्रतिभा को बढ़ाने को लेकर बनवाए जा रहे हैं। जिसमें प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान का वादा नीतीश सरकार ने किया था। जिसे लेकर कैमूर जिले के 133 पंचायत में 170 खेल मैदान बनेगा। मोहनिया प्रखंड के बढपर में मोहनिया से राजद की बागी विधायक संगीता कुमारी खेल मैदान का शिलान्यास के दौरान मौजूद रहीं। संगीता कुमारी ने कहा कि पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब उसी तरह से खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब के पैटर्न पर नीतीश सरकार युवाओं को खेलकूद के प्रति बढ़ावा दे रही है। प्रतीक खेल मैदान की लागत लगभग 10 लाख रुपए है।
मोहनियां विधायक संगीता कुमारी ने कहा कि खेल मैदान की मांग काफी दिनों से लोग कर रहे थे। ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से हर पंचायत में खेल मैदान बनाया जा रहा है। एक खेल मैदान के निर्माण में लागत करीब 10 लाख रुपए खर्च किया जाएगा। जहां वॉलीबॉल, रनिंग, बैडमिंटन, फुटबॉल सहित कई प्रकार के खेलों को लेकर प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेल में भी आगे बढ़ाया जाएगा। जिससे बच्चों का बेहतर भविष्य बन सके। सरकार ने मेडल लाओ नौकरी पाओ की योजना चलायी है और बच्चे खेलकूद में अच्छा काम कर रहे हैं। जो मेडल लाते हैं उन्हें सरकारी नौकरी नीतीश सरकार दे रही है। नीतीश सरकार ने यह साबित करने का काम किया है कि पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो भी बनोगे नवाब। जो युवा खेलकूद में रुचि रखते हैं उनको अपने पंचायत में ही खेल मैदान बनाकर उनको प्लेटफार्म तैयारी करने के लिए दिया जा रहा है। बच्चियां भी आज हर क्षेत्र में बाजी मार रही हैं। खेल मैदान का लाभ बच्चियां भी उठाएंगी और मेडल लाकर नौकरी पाने का काम करेंगी जिससे बिहार का नाम रोशन होगा।कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कार्यारंभ की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बता दें कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल कूद के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ खेल की आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं। खेल मैदान के विकास के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उत्साहवर्द्धन भी होगा। खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के बीच खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। खेल मैदान के विकास के क्रम में ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। भूमि की उपलब्धता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न तीन प्रकार के खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं। पहले प्रकार के खेल मैदान बड़े आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 04 एकड़ तक का है। बड़े खेल मैदान में गाँव के युवाओं को खेलने के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद, लम्बी कूद, कबड्डी और खो-खो खेलों की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी। दूसरे प्रकार के खेल मैदान माध्यम आकार के होंगे जिनका क्षेत्रफल 01 से 1.5 एकड़ तक का है। मध्यम आकार के खेल मैदान में क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊँची कूद और लम्बी कूद की सुविधाएं स्थानीय आवश्यकता अनुसार ग्रामीण युवाओं के लिए विकसित की जायेंगी। तीसरे प्रकार के खखेल मैदान छोटे आकार के हैं जिनका क्षेत्रफल एक एकड़ से कम है। इसमें कुल चार प्रकार की खेल सुविधाओं बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन को शामिल किया गया है।
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