पटना : बिहार में अब सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। ऐसे में अब सरकार ने यह प्लान तैयार किया है कि पर्यटन स्थलों के आसपास के घरों में पर्यटकों को ठहराने की योजना शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री होम स्टे योजना के तहत लोग अपने घर के एक से छह कमरे में पर्यटकों को ठहरा सकते हैं। जहां पयर्टकों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसमें सरकार आर्थिक सहायता भी देगी।
जानकारी के मुताबिक़, पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस कार्ययोजना का लोकार्पण कर दिया है कि अब लोग अपने घर के एक से छह कमरे में पर्यटकों को ठहरा सकते हैं। इसके तहत पहले चरण में पंद्रह जिले के 28 पर्यटन स्थलों के आसपास यह सुविधा शुरू की जा रही है। इनमें शहरी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से पांच किमी की परिधि तथा ग्रामीण क्षेत्र के पर्यटन स्थलों से दस किमी की परिधि के मकान मालिक अपने कमरे का निबंधन करा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि पयर्टकों की सुविधा के लिए कमरे साफ-सुथरा एवं प्रकाशमय होने चाहिए। कमरों में मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, स्नानागार आदि संलग्न हों। कमरे का किराया तय करने का अधिकार मकान मालिक को होगा। जिस घर में मकान मालिक नहीं रहते हैं, वहां एक संचालक तय करना होगा। पर्यटकों की जानकारी के लिए ऐसे घरों का पता, फोन नंबर विभाग की वेबसाइट पर दर्ज रहेगा। टूर और ट्रेवल ऑपरेटर पर्यटकों को ऐसे घरों में ठहरने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उनके पास ऐसे घरों की सूची होगी। मकान मालिक को समय-समय पर कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इधर, योजना में चयनित लोगों को सरकार आर्थिक मदद करेगी। ऋण के रूप में प्रति कमरे अधिकतम ढाई लाख रुपये की मदद दी जाएगी। इस पर पांच वर्ष तक के ब्याज की राशि सरकार देगी। तीन माह में उन्नयन कार्य पूरा कर लेना होगा। बीच में योजना को बंद करने पर ब्याज राशि वापस ले ली जाएगी। आवेदन करने के बाद क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर जांच के बाद ही घर को योजना में शामिल किया जाएगा।
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