पटना : किसानों के लिए अच्छी खबर आ रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) कर्ज लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) कर्ज की सीमा बढ़ाने और बटाईदार किसानों के लिए आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) जैसी योजना शुरू करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
बीते दिनों वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव ने कहा- हम किसान क्रेडिट कार्ड कर्ज सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, जो तीन या चार साल पहले तय की गई थी। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना साल 1998 में शुरू की गई थी। इसका प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनके कृषि प्रयासों के लिए पर्याप्त और समय पर लोन मिल सके। इस योजना के तहत अधिकतम 3 लाख रुपये की लोन लिमिट है। केसीसी खातों में बकाया लोन 9.81 लाख करोड़ रुपये था। केंद्र द्वारा समर्थित इस पहल के तहत किसानों को 2% की ब्याज छूट और 3% का त्वरित री-पेमेंट प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि किसानों को बैंकिंग प्रणाली से सिंगल विडों के जरिए समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता प्राप्त हो। यह योजना किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों में सहायता करने के लिए है। इसके तहत फसल की खेती के लिए शॉर्ट टर्म लोन जरूरतों को पूरा किया जाता है। इसके अलावा कटाई के बाद के खर्चों को फंडिंग और किसान परिवारों की उपभोग जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है।
पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के भीतर किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए शॉर्ट टर्म लोन के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के विस्तार की घोषणा की। नतीजतन, पात्र किसान अब रियायती ब्याज दरों पर 3 लाख रुपये तक के ऋण प्राप्त करने में सक्षम हैं।
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