सहरसा: बदलते मौसम और कम हो रही जमीन के कारण किसानों ने अब पारंपरिक खेती को छोड़ सब्जी, केले की खेती के साथ ही बायो फ्लॉक के जरिये मछली पालन कर सालाना लाखों रुपये की कमाई करना शुरू कर दिया है।
गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर में सेल्स मेन का काम करने वाले सहरसा के रहने वाले किसान कोरोना काल में नौकरी छोड़कर अपने घर लौट आए और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर बनने से प्रेरित होकर अपने गांव में सबसे पहले मतस्य पालन शुरू किया. जिससे उनकी आमदनी बढ़ी तो उन्होंने बदलते मौसम को देखते हुए समेकित और तकनीकी खेती करने का सोचा।
उन्होंने तालाब के किनारे पर सभी तरह की सब्जी जो पूर्णरूपेण जैविक है उसकी खेती करनी शुरू कर दी. इसके साथ ही तालाब में मखाना और तालाब किनारे फलदार पेड़ जैसे केला, अमरूद, नींबू, आम और कई तरह की सब्जी की खेती शुरू कर दी, इसके अलावा मधुमक्खी पालन कर शहद का उत्पादन करने लगे. जिससे उन्हें इन सबसे अच्छी खासी आमदनी हो रही है।
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