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विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सक्रिय हुई भाजपा, राजग की सीटों में वृद्धि करने की कोशिश जारी

पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में 70 प्रतिशत सफलता हासिल करने वाली भाजपा अभी से अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गई है। जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों, लोकसभा प्रभारियों एवं लोकसभा संयोजकों को लेकर विधानसभा विस्तारकों और विधायकों के साथ ही विधान पार्षदों को अभी से तय लक्ष्य के साथ क्षेत्र में काम शुरू करने का दायित्व सौंप रहे हैं।

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विधायकों को जहां जनता के साथ कार्यकर्ताओं से भी संपर्क में रहने की नसीहत दी जा रही है। वहीं, स्थानीय स्तर पर जनसरोकार से जुड़ी योजनाओं को चिह्नित करने एवं प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के सुझाव भी दिए गए हैं। क्षेत्र की अधूरी योजनाओं को भी पूर्ण कराने की ओर ध्यान आकृष्ट किया। वहीं, चार विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण विधानसभा के लिए उप चुनाव भी शीघ्र होने की संभावना है। ऐसे में भाजपा की कोशिश हर हाल में राजग की सीटों में वृद्धि करने की है। इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए पार्टी आगामी रणनीति पर काम कर रही है।

भाजपा की चिंता लोकसभा चुनाव के दौरान 30 प्रतिशत सीटों पर हार को लेकर भी है। संगठन के रणनीतिकार इसे चुनौती के रूप में देख रहे हैं। विशेषकर मगध और शाहाबाद क्षेत्र में 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में जदयू एवं अन्य सहयोगी दलों का प्रदर्शन काफी लचर रहा था। इसका साइड इफैक्ट अबकी बार लोकसभा परिणाम में दिखा। सात सीटों पर राजग की हार हुई है। साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रति जनता में सत्ता विरोधी आक्रोश का भी आकलन करते हुए रणनीति बनाने के निर्देश गए हैं। लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेकर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया।

 

 

बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार भाजपा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। जहां पिछले चुनाव में राजग के खाते में 40 में से 39 सीटें गई थी, वहीं इस बार मात्र तीस सीटों पर ही सिमट कर रह गई। जिसमें भाजपा-12, जदयू-12, लोजपा-5, हम-01 सीट मिली। अब पार्टी में यह भी चर्चा है कि बिहार में संगठन के लोगों ने जहां बेहतर कार्य किया है, वहां बेहतर परिणाम रहा है। विशेष तौर पर शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के बीच एक नाम की चर्चा जोरों पर है। जिन्होंने अपने कलस्टर क्षेत्र में सौ प्रतिशत परिणाम दिया है। वह झारखंड के पूर्व संगठन मंत्री और बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह का नाम इन दिनों चर्चा में है।

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