शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि जिस दिन दोपहर के समय पड़ती है, उसी दिन भाई दूज (भैया दूज) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन यमराज, यमदूत के साथ-साथ चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए. बिहार में कई लोग इसे भरदुतिया के नाम से भी जानते हैं।
इस साल दो दिनों तक भैया दूज मनाया जाएगा. इस बार द्वितीया तिथि 14 नंवबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर शुरु होगी. जो 15 नंवबर को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक चलेगी. इस तरह से इस पर्व दो दिन तक मना सकते हैं।
मुहूर्त के अनुसार, 14 नवंबर के बाद से अपने भाई को टीका लगा सकते हैं. यही नहीं अगर आप 14 नवंबर को टीका नहीं कर पाए तो 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक टीका कर सकते हैं। कहा जाता है कि बहनों को बिना खाना खाए भाई के माथे पर तिलक लगाना चाहिए. भाई की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए. उसे आशीर्वाद देने के लिए पूजा की थाल में पंचमेवा, पान, फल रख कर भाई को समर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही भाई को भी बहन के दोनों चरणों को छूकर उसका आशीर्वाद लेना चाहिए।
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