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भारत के साथ पंगा लेना ड्रैगन को पड़ेगा भारी,अमेरिका ने चीन की तरफ रवाना किए तीन जंगी बेड़े

नई दिल्ली :चीन की बढ़ती विस्तारवादी नीति और भारतीय सैनिकों से हुई हिंसक झड़प को देखते हुए अमेरिका भी चौकन्ना हो गया है।वर्षों में पहली बार अमेरिकी नौसेना ने प्रशांत महासागर में एक साथ संचालित तीन विमान वाहक जंगी जहाजों को तैनात किया है।

इसे चीन के लिए अमेरिका की तरफ से एक शक्तिशाली संकेत के रूप में देखा जा रहा है ।यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलिपीन सागर में गुआम के आसपास गश्त कर रहा है।यूएसएस नीमित्ज,यूएस के वेस्ट कोस्ट से दूर है और यूएसएस रोनाल्ड रीगन जापान के दक्षिण में फिलिपीन सागर में भी है।अमेरिकी अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में चिंता व्यक्त की है कि दुनिया कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहा है और ऐसे समय में चीन अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों पर अपना दावा कर रहा है।

अमेरिका का मानना है कि चीन को लग रहा है कि महामारी के इस समय में यूएस सेना जवाब देने के लिए तैयार नहीं है।

अमेरिका के हर एक इन जंगी बेड़े में 60 से अधिक विमान तैनात है। 2017 के बाद से प्रशांत महासागर में अमेरिका की तरफ से यह सबसे बड़ी तैनाती है। इससे पहले जब प्योंगयांग के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया के साथ तनाव अपने चरम पर थे, उस समय अमेरिका ने अपने इस जंगी बेड़े को रवाना किया था।

अमेरिका को उसका रहा है चीन

चीन की मिलिट्री स्टडीज इंस्टीट्यूट के एक रिसर्च फेलो झांग जुनसे ने सोमवार को ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में कहा उन्हें चिंता है कि बाहरी दुनिया उनकी क्षमता पर संदेह कर रही है। अमेरिकी नौसेना की तीन जंगी जहाजों की तैनाती सागर पैसिफिक सागर में प्रदर्शन मात्र है।झांग ने कहा ,’अमेरिकी नौसेना ने अपने बेड़ो को पश्चिम क्षेत्र प्रशांत क्षेत्र में भेजने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह दुनिया को दिखाना चाहता है कि उनकी लड़ाकू क्षमता कोरोनावायरस महामारी से बाधित नहीं हुई है। हालांकि अमेरिकी नौसेना की तरफ से इस टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं दिया है ।

अमेरिका दे चुका है चीन को धमकी

अमेरिका की तरफ से विदेश विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन आर्टगस ने अप्रैल में दक्षिण चीन सागर में वियतनामी मछली पकड़ने के जहाज को डुबाने के लिए चीनी नौसेना को नष्ट करने का बयान दिया था। आर्टस ने कहा, ‘वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद से बीजिंग ने फेरी क्रॉस रिफ और सुबी रीफ पर सैन्य ठिकानों पर नए अनुसंधान स्टेशनों की भी घोषणा की है और विशेष सैन्य विमान उतारे हैं ।हम चीन को वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने और दक्षिण चीन सागर में अपने गैर कानूनी दावों का विस्तार करने के लिए अन्य राज्यों की सीमा में जाकर उनका दोहन रोकने के लिए कहते हैं।

अमेरिका चीन तनाव

यह तैनाती दक्षिण चीन सागर और ताइवान के बीच वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तनाव के समय आई है। पिछले हफ्ते, एक अमेरिकी नौसेना सी 40 विमान बोइंग 737 ने रूटीन लॉजिस्टिक्स फ्लाइट होने पर थाईलैंड के लिए ताइवान के मार्ग पर उड़ान भरी थी। लेकिन बीजिंग ने इस उड़ान को गैरकानूनी और एक गंभीर उकसावे’ की संज्ञा दी।

4 जून को अमेरिकी नौसेना ने ताइवान की समुद्री सीमा में एक मिसाइल विंधस्वक भेजा। दक्षिण चीन सागर जो कि 1.3 मिलियन वर्ग मील का उस के ज्यादातर हिस्से पर बीजिंग अपने संप्रभु क्षेत्र के रूप में दावा करता है। हालांकि अमेरिकी युद्धपोतों ने इस साल यहां पर कई प्रदर्शन किए और यूएस बी- 1 बमवर्षक और निगरानी विमान भी इस इलाके में सक्रिय हो गए हैं।

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