जमुई: जमुई के बरहट में बारिश के कारण दर्जनों मिट्टी के घर ध्वस्त हो गये। ध्वस्त हुए घरों का निरीक्षण करने के लिए बरहट अंचलाधिकारी रणधीर प्रसाद पहुंचे थे लेकिन वो खुद गांव में नहीं गये। गांव में जलजमाव को देखते हुए उन्होंने अपने ड्राइवर को ध्वस्त हुए घरों का निरीक्षण करने के लिए भेजा और खुद गाड़ी में बैठकर मोबाइल देखते रहे। ड्राइवर ने भी घर के आस-पास लगे पानी को देख वहां जाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पीड़ित की गुहार लगाने के बाद सीओ के ड्राइवर ग्रामीण के कंधे पर बैठ गया। कंधे पर बैठकर सीओ साहब का ड्राइवर ध्वस्त घर का निरीक्षण करने के लिए गया। ध्वस्त घरों को दिखाकर ग्रामीण कंधे पर बिठाकर सीओ साहब के ड्राइवर को गाड़ी तक पहुंचाया।
दरअसल जमुई में पिछले दो दिन से लगातार बारिश होने की वजह से दर्जनों मिट्टी के घर गिर गए। जिसे लेकर पीड़ितों ने बरहट प्रखंड के बरियारपुर मुखिया को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मुखिया ने बरहट के सीओ रणधीर कुमार को इससे अवगत कराया। इस बात की सूचना मिलने के बाद सीओ रणधीर प्रसाद बरहट प्रखंड के बरियारपुर पंचायत के घटवारी टोला में निरीक्षण करने पहुंचे। घटवारी टोला के गोपाल सिंह का घर बारिश के पानी में पूरी तरह ध्वस्त हो गया था जिसके कारण उनका पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे मकई के खेत में रहने को विवश है। इस बात की सूचना मिलने के बाद सीओ रणधीर कुमार ध्वस्त घरों का मुआयना करने आये थे लेकिन घर तक पहुंचने के रास्ते में कमर से ऊपर पानी था। इसीलिए सीओ साहब गाड़ी में बैठे आराम फरमाते रहे और अपने ड्राइवर को निरीक्षण करने के लिए वहां भेजा। कमर से ज्यादा पानी होने के कारण ड्राइवर ने भी जाने से इनकार कर दिया।
जिसके बाद पीड़ित अपने कंधे पर उसे ले जाने को तैयार हुआ जिसके बाद ड्राइवर कंधे पर बैठकर पीड़ित परिवार के घर का मुआयना करने के लिए गया। इस दौरान करीब दो किलोमीटर का सफर ड्राइवर ने कंधे पर बैठकर तय किया। जो अब इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में सीओ से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन वो कुछ भी बोलने से बचते दिखे। जमुई के अनुमंडल अधिकारी अभय तिवारी भी जिला मुख्यालय में नहीं थे जिसके कारण उन्होंने भी इस संबंध में अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वायरल इस वीडियो की निंदा अब लोग कर रहे हैं। पीड़ित की भाभी मीना देवी ने बताया कि पहले तो सीओ साहब को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ कि दर्जनों मिट्टी के घर भारी बारिश के कारण ध्वस्त हुआ है।
इसका मुआयना करने वे आए तो जरूर लेकिन गाड़ी में ही बैठे रहे और अपने ड्राइवर को मुआयना करने के लिए भेज दिया। ड्राइवर को गोपाल सिंह ने कंधे पर बिठाकर घर दिखाने के लिए लाया। इस दौरान उसने फोटो खींचवाया और फिर सीओ साहब के साथ चला गया। लेकिन अभी तक किसी तरह का मुआवजा नहीं मिल पाया है और ना किसी तरह की मदद ही मिल पाई है। किसी तरह पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे मकई के खेत में जिंदगी काटने को विवश है। अब तक उन्हें इंदिरा आवास का लाभ तक नहीं मिल पाया है। बता दें कि घटवारी टोला में 10 घरों का परिवार है जहां 100 के करीब की आबादी है। घटवारी टोला तक जाने के लिए पक्का रास्ता तक नहीं बना हैं। जलजमाव के कारण आवागमन में भारी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
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