पटना: केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह 16 सितंबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले डेंगू बीमारी से पीड़ित रहे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ठीक होकर एक्टिव हो गए हैं। शुक्रवार को वह पांच दिनों बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे। अमित शाह रैली से एक दिन पहले ललन सिंह का पार्टी ऑफिस पहुंचना राजनीतिक नजरिए से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मिशन 2024 को लेकर उनका यह महत्वपूर्ण दौरा है।
ललन सिंह पिछले कई दिनों से डेंगू पीड़ित थे। इसी वजह से 13 सितंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुए। शरद पवार के आवास पर इंडिया गठबंधन के कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक हुई जिसमें आरजेडी से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल हुए थे। कोऑर्डिनेशन कमिटी का सदस्य होने के बावजूद ललन सिंह बैठक में नहीं पहुंचे। उनकी जगह की ओर से मंत्री संजय सिंह ने बैठक में शामिल हुए। बीजेपी ने इस पर काफी तंज कसा। जदयू से निकलकर बीजेपी में शामिल आरसीपी ने कहा था कि इंडिया गठबंधन का उत्साह ठंडा पड़ गया है। इसी वजह से ललन सिंह दिल्ली नहीं गए।शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जदयू प्रदेश कार्यालय जाकर पार्टी नेताओं से मुलाकात की और फिर से सार्वजनिक कार्यक्रम में सक्रिय रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह के दौरे को लेकर पार्टी नेताओं के बीच विचार विमर्श हुआ। अमित शाह के दौरे से बिहार की राजनीति पर पर पढ़ने वाले प्रभाव को लेकर समीक्षा की गयी। दरअसल अमित शाह एक साल में छठी बार बिहार आ रहे हैं। शनिवार को मधुबनी के झंझारपुर में वह जनसभा को संबोधित करेंगे। उनका यह कार्यक्रम लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर है। गृह मंत्री आज ही बागडोगरा पहुंच जाएंगे। अमित शाह के बिहार दौरे से राज्य में राजनैतिक हलचल तेज हो रही है। इससे पहले ललन सिंह डेंगू को मात देकर एक्शन में आ गए हैं।
Be First to Comment