पटना: मिशन 2024 के लिए बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए के सभी साथियों को एक साथ लाने की कवायद जारी है। 18 जुलाई मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एनडीए की बड़ी बैठक होने वाली है जिसमें बिहार से उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी के साथ-साथ लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों को न्योता दिया गया है। लेकिन, इस महत्वपूर्ण मीटिंग से पहले चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस में घमासान मचा है। भतीजा चिराग ने चाचा पशुपति पारस के सवालों का करारा जवाब दिया है।
लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर हाजीपुर की लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोक दिया है। उनकी पार्टी के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा है कि हाजीपुर हमारे नेता चिराग पासवान की कर्मभूमि है। इस सीट से हमारी पार्टी की भावना जुड़ी हुई है। चिराग पासवान अक्सर हाजीपुर जाते हैं तो वहां के लोगों से मिलते हैं और अपने अनुभव बताते हुए उनका अनुभव लेते हैं। हाजीपुर सीट पर हमारी दावेदारी मजबूत है।
चिराग पासवान ने अपनी सिटिंग लोकसभा क्षेत्र जमुई पर भी दावा किया है। पार्टी प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा है कि हम जमुई सीट को छोड़ने नहीं जा रहे हैं। 2024 के चुनाव में पार्टी हर हाल में जमुई से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी क्योंकि चिराग पासवान जमुई के काफी लोकप्रिय सांसद हैं और वहां के लोगों के सुख-दुख में शामिल रहते हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी दोहराया आया कि हम हाजीपुर सीट भी नहीं छोड़ेंगे।
दरअसल, हाजीपुर से चिराग पासवान की मां रीना पासवान को उतारे जाने की चर्चा जोर शोर से चल रही है।टीम चिराग की गतिविधियां इस इलाके में तेज हैंं। रविवार को भी वह पटना आए थे तो हाजीपुर क्षेत्र का दौरा किया। पटना में पार्टी जनों के साथ मीटिंग के बाद चिराग पासवान जनदाहा गए जहां एक प्राइवेट हॉस्पिटल का उद्घाटन किया और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर भी किया।
इसके पहले चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट किसी भी हाल में नहीं छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि हाजीपुर उनकी सीटिंग सीट है। हाजीपुर के जनता से सुख दुख का नाता है। चिराग पासवान की पार्टी को हाजीपुर मिलना नामुमकिन है। पशुपति पारस ने यह भी कहा कि यहां से बड़े भाई रामविलास पासवान चुनाव लड़ते थे। यह परंपरागत सीट है जिस पर मेरी दावेदारी है। उन्होंने कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है लेकिन, जब दिल टूटते हैं तो नहीं जुड़ते। चाचा के इन्हीं सवालों पर चिराग पासवान ने अपना जवाब दिया है।
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