Press "Enter" to skip to content

मुजफ्फरपुर: सुबह ठेले पर सब्जी-फल बेच रहे, शाम को कैमरा लेकर फिल्म की शूटिंग कर रहे बच्चे

मुजफ्फरपुर: 13 साल का ईशान सुबह अपने पिता के साथ ठेला लगाने में हाथ बंटाता और शाम में हाथों में कैमरा लिए शॉर्ट फिल्म शूट करता है। 12 साल की आस्था के पिता फल बेचते हैं। आस्था की ली हुई तस्वीरों को राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल चका है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 50 से अधिक बच्चे किलकारी के माध्यम से अपने सपने जी रहे हैं, नई जिन्दगी की उड़ान भर रहे हैं।

हिन्दुस्तान स्पेशल: सुबह ठेले पर सब्जी-फल बेच रहे, शाम को कैमरा लेकर फिल्म की शूटिंग कर रहे बच्चे

किलकारी ने इन बच्चों के सपनों को उड़ान दी है। डांस,फोटोग्राफी, शॉर्ट फिल्म में ये बच्चे बेहतर कर रहे हैं। इनमें से किसी के पिता ठेला लगाते हैं तो किसी के पिता सब्जी बेचते हैं। मुशहरी स्थित किलकारी केंद्र में सरकारी स्कूलों मे पढ़ने वाले बच्चे अलग-अलग तरह का प्रशिक्षण ले रहे हैं। अन्य बच्चे खाली समय में खेलते और घूमते हैं, उस वक्त का इस्तेमाल ये बच्चे अपनी प्रतिभा की उड़ान भरने में कर रहे हैं।

इन बच्चों की बनाई सपनों पर आधारित शॉर्ट फिल्म बाल दिवस पर पटना में दिखाई गई थी। यह शॉर्ट फिल्म गांव के खेतों और स्कूलों में जाकर बनाई गई थी। किलकारी से डांस का प्रशिक्षण लेकर मलिन बस्ती के बच्चे कई बड़े शो में पहुंचे और विदेश में भी प्रदर्शन का मौका मिला।

जिस बच्चे में जो प्रतिभा, उसे निखारने की कोशिश
किलकारी बाल केंद्र की समन्वयक आरती कुमारी कहती हैं कि इन बच्चों के पास साधन भले ही नहीं हो, मगर प्रतिभा भरपूर है। ऐसे में विभाग की ओर से प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर जिन बच्चे में जो प्रतिभा है, उससे संबंधित प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। अभी 70 बच्चे इस केंद्र पर अलग-अलग विधा में नामांकित होकर प्रशिक्षण पा रहे हैं। इन बच्चों के माता-पिता कहते हैं कि जब विदेश में हमारे बच्चों को डांस प्रदर्शन के लिए बुलाया गया तो वह क्षण हमारे लिए यादगार बन गया।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *