पटना: पटना में हुई देशभर के विपक्षी दलों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की नाराजगी की सियासी गलियारों में चर्चा है। इस बीच लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने केजरीवाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी शर्तों पर गठबंधन करना चाहते हैं। उनमें और नरेंद्र मोदी में कोई फर्क नहीं है। विपक्ष की बैठक में नेताओं ने केजरीवाल की बातों को नोटिस में नहीं लिया। सभी नेताओं ने उन्हें इग्नोर कर दिया।
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने विपक्षी एकता बैठक पर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि यह बैठक सफल रही है। साथ ही उन्होंने माना कि अरविंद केजरीवाल नाराज होकर बैठक से उठकर चले गए थे। शिवानंद ने कहा कि विपक्षी बैठक में केजरीवाल की अलग आवाज आई। हालांकि, किसी ने नोटिस नहीं लिया, किसी ने ध्यान नहीं दिया। उनकी कोई बखत नहीं है।
मोदी की तरह तानाशाह हैं केजरीवाल : शिवानंद तिवारी
तिवारी ने आगे कहा कि आप अपनी शर्तों पर विपक्षी गठबंधन चाहते हैं। आप चाहते हैं कि लोकतंत्र को बचाया जाए, आप भी दूसरे ढंग से वही सवाल उठा रहे हैं। आपको समझना चाहिए कि बैठक का एजेंडा वही है। केजरीवाल ने विपक्षी बैठक की शुरुआत में ही उसपर चर्चा की मांग कर दी। फिर उनमें और मोदी में क्या फर्क है। वे भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं। इसलिए सभी लोगों ने उन्हें इग्नोर कर दिया।
क्यों नाराज हैं केजरीवाल?
दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल की आम आदमी पार्टी राज्यसभा में सभी विपक्षी दलों से समर्थन चाहती है। कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी दलों ने उनका समर्थन किया है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी। अब AAP ने चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस अध्यादेश पर केजरीवाल को सपोर्ट नहीं करती है, तो वे आगे उसके साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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