पटना: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने समय से पहले लोकसभा चुनाव होने के नीतीश कुमार के बयान पर करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने का अधिकार केवल प्रधानमंत्री को है। लेकिन, यह बात बिहार सीएम नीतीश कुमार को कैसे पता चला। पटना में मीडिया से बात चीत में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई नेता यह कह रहे हैं कि समय से पहले लोकसभा चुनाव होगा, इसका अर्थ यह है कि उनकी पीएम से बात हो रही है। ऐसे बयान देने वाले नेता को बताना चाहिए कि क्या पीएम से उनकी बात हो रही है।
नीतीश कुमार कई दिनों से यह कह रहे हैं कि देश में समय से पहले लोकसभा के चुनाव हो सकते हैं। उनके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी सीएम के बयान का समर्थन किया।सीएम नीतीश कुमारने अधिकारियों के साथ एक बैठक में इसका खुलासा किया कि देश में समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इसलिए आप लोग काम में तेजी लाइए। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को भी तैयारी करने का निर्देश दिया। शुक्रवार को पटना में नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों को चुनाव के लिए सजग करने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि समय से पहले सब लोग मिलकर रणनीति तय कर लें क्योंकि विपक्षी एकता बनने से केंद्र सरकार और भाजपा की चिंता बढ़ गई है। अपने नुकसान को कम करने के लिए वे समय से पहले भी चुनाव करवा सकते हैं। इसलिए 2024 का इंतजार नहीं करें।
नीतीश कुमार के इस बयान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार समय से पहले चुनाव की बात करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि प्रधानमंत्री को इस बात का पूरा अधिकार है कि वह कब चुनाव कराएं। लेकिन किसी ने अभी तक यह बात नहीं कही है। तो नीतीश कुमार को इसकी जानकारी कैसे हो गई। इसका मतलब है कि नीतीश कुमार की पीएम मोदी से बात होती है। तो उन्हें यह भी साफ करना चाहिए कि पीएम से उनकी और क्या क्या बातें हो रही हैं।
सम्राट ने जीतन राम मांझी प्रकरण और राजद विधायक रीतलाल यादव के रामाणय वाले बयान पर भी नीतीश कुमार को घेरा। उन्होंने कहा कि जदयू की यही कार्यशैली रही है। एक ही जाति के पांच लोगों को अपमानित किया जाता है। यह कट एंड पेस्ट की राजनीति है। एक को गद्दी देना, दूसरे को हटाना, दूसरे को गद्दी देना तो तीसरे को सटाना। राजद विधायक रीतलाल यादव द्वारा रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी पर कहा कि किसी आपराधिक चरित्र के व्यक्ति को रामायण या रामचरित मानस पर बोलने का अधिकार नहीं है। इनको नैतिक अधिकार नहीं है। कहा कि 30 जून तक पार्टी की ओर से महासम्पर्क अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत देश की जनता को बताया जा रहा है कि 2014 के पहले भारत क्या था और 2023 में क्या है।
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