मुजफ्फरपुर: गर्मी के मौसम के बाद बारिश जहां एक ओर भीषण गर्मी से राहत दिलाती है। वहीं डेंगू की आहट भी लेकर आती है। आपके घरों की छतों पर या आस पास फेंके हुए टूटे फूटे बर्तनों, टायरों, गमलों आदि में बरसात का जमा साफ पानी डेंगू के पनपने की मूल वजह हो सकती है। ये बातें सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने मंगलवार को जिला भीबीडीसी कार्यालय में डेंगू दिवस के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि यह बीमारी डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज के कटने के कारण होता है। ये मच्छर साफ पानी मे आपके घरों के आस पास पनपते हैं और दिन में ही काटते हैं और आपको डेंगू की चपेट में डाल देते हैं । आप जागरूक रहे और डेंगू से बचें इसलिए प्रतिवर्ष 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है, अगर हम कुछ सावधानियों को याद रखें तो डेंगू एवं चिकनगुनिया से बच सकते हैं।
अस्पताल परिसर में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि डेंगू की जांच व इलाज की व्यवस्था सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पेरासिटामोल की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। वहीं कालाजार पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे आईआरएस छिड़काव कर्मी भी आज अपने साइट पर लोगों को डेंगू के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
क्या हैं लक्षण:
डॉ सतीश ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षणो में बदन, सर, आंखों के पीछे एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे का निशान, नाक मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्त स्राव है। इसके अलावा काला मल भी डेंगू व चिकनगुनिया की तरफ इशारा करता है।
क्या है बचाव:
अपने घरों के आसपास पानी जमा होने ना दें। घरों की छतों पर टूटे फूटे या खुले ढक्कन वाले बर्तन न रखे॔। पानी के टैंक के ढक्कन बंद रखें। कूलर, फ्रिज के पानी रोज बदलें, दिन मे भी मच्छरदानी का प्रयोग करें । यदि सर्दी बुखार और बदन मे दर्द, हड्डी और जोड़ मे दर्द, उल्टी आदि हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल मे जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।
स्वउपचार से बचें । बुखार के लिए केवल पेरासिटामोल ही लें। एस्प्रीन या ब्रुफेन ग्रुप की दवाई भूल से भी न लें।
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