बिहार: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की एक तस्वीर चर्चा का विषय बन गई है। दोनों नेता रामनवमी के मौके पर एक मंच पर नजर आए। उन्होंने साथ में भगवान श्रीराम की आरती भी की। पटना के डाकबंगला चौराहे में रामनवमी पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम नीतीश समेत जेडीयू और बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। इस आयोजन के बाद सियासी गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
पटना में गुरुवार को रामनवमी के मौके पर भव्य आयोजन हुए। डाकबंगला चौराहे पर बड़ा स्टेज बनाया गया, जहां विभिन्न झांकियों का स्वागत किया गया। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। कार्यक्रम देर रात तक चला। शाम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, वित्त मंत्री विजय चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, रविशंकर प्रसाद समेत अन्य नेता शामिल हुए।
सीएम नीतीश कुमार ने पहले राज्यपाल के साथ मिलकर श्रीराम की आरती की। इसके बाद सम्राट चौधरी ने भी नीतीश के साथ भगवान की आरती उतारी। इसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर की है।
सीएम नीतीश की बीजेपी नेताओं से नजदीकियां?
हाल के दिनों में सीएम नीतीश की बीजेपी नेताओं से मुलाकात और बातचीत की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। महागठबंधन में जारी खटपट और लोकसभा चुनाव की आहट के बीच सीएम नीतीश की बीजेपी नेताओं से बातचीत हो रही है। पिछले महीने नए राज्यपाल की नियुक्ति के दौरान खुद अमित शाह ने फोन कर नीतीश से बात की थी। वैशाली में गलवान शहीद के पिता की गिरफ्तारी के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को फोन कर मामले को देखने की बात कही थी।
इसके अलावा बिहारी मजदूरों से कथित हिंसा के मुद्दे पर बीजेपी ने विधानसभा में हंगामा किया, तो सीएम नीतीश ने नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की मांग पर एक टीम तमिलनाडु भेजी। पिछले दिनों नीतीश पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के घर उनके पिता के श्राद्ध में शामिल हुए थे। हाल ही में चैती छठ महापर्व के मौके पर सीएम नीतीश अचानक पटना में बीजेपी एमएलसी संजय मयूख के सरकारी आवास पर पहुंच गए और खरना प्रसाद ग्रहण किया।
सियासी गलियारों में कयास लगने लगे हैं कि महागठबंधन में जारी खटपट के बीच कहीं सीएम नीतीश कुमार फिर से पलटी तो नहीं मारने वाले हैं। नीतीश के आरजेडी के साथ सत्ता में आने के बाद से कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अभी करीब एक साल का वक्त बचा है। ऐसे में नीतीश की बीजेपी नेताओं से बातचीत और मुलाकातें बता रही हैं कि वे फिर से पाला बदल सकते हैं।
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